पूरे प्रदेश के लिए डेवलपमेंट प्लान भी बनाया जाएगा
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों शिमला, कुल्लू और कांगड़ा के लिए विकास का क्षेत्रीय प्लान बनेगा। जबकि बजट मिलने पर पूरे प्रदेश के लिए डेवलपमेंट प्लान भी बनाया जाएगा।
सोमवार को सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टीसीपी के नियमों में निर्माण से भूकंप, भूस्खलन, अग्निकांड सहित आपदा में नुकसान को कम किया जा सकता है।धर्माणी ने कहा कि राजधानी शिमला के साथ लगते तारादेवी जी क्षेत्र के लिए डेवलपमेंट प्लान इसलिए बनाया गया है ताकि यहां न सिफ पहाड़ियों पर हरियाली बनी रहे बल्कि इसमें और अधिक वृद्धि हो, यहां कंकरीट का जंगल नहीं बनना चाहिए। पर्यटक भी यहां प्रकृति का आनंद लेने आते हैं। इसके लिए सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में यहां किसी भी नए निर्माण को अनुमति न देने का निर्णय लिया है।
हालांकि पुराने घरों की मरम्मत और घर के साथ छोटे निर्माण को अनुमति दी जाएगी।धर्माणी ने कहा कि मनाली में क्षमता से अधिक निर्माण हो गया है जिसके कारण यहां ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आ रही है। नगर एवं ग्राम नियोजन के नियमों के आधार पर शहरों और गांवों के विकास में स्थानीय लोगों और सैलानियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। टीसीपी नियमों में पानी की निकासी का सही प्रबंधन होने से भारी बारिश में नुकसान से बचा जा सकता है। आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्रों में नियमों के तहत सड़कें बनने पर आपादा के समय अग्निशमन वाहनों और एंबुलेंस को कम समय पर घटना स्थल तक पहुंचाया जा सकता है।
नक्शे के बाहर 10 फीसदी तक निर्माण करने वालों के नक्शे पास करने की व्यवस्था की गई है इससे अधिक निर्माण करने वालों को राहत नहीं दी जा सकती। नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि यदि मनमाने निर्माण को स्वीकार कर दिया तो नियमों के तहत निर्माण करने वाले खुद को ठगा महसूस करेंगे। नियमों का पालन करने वाली की भावनाएं आहत न हो यह भी सरकार का दायित्व है। धर्माणी ने कहा कि शिमला में पार्किंग के लिए बेसमेंट खोलने की छूट दी गई है लेकिन पूरे प्रदेश में इस तरह की छूट देना सही नहीं है।
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