Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

बीड़ बैजनाथ में स्थित आश्रम के महात्मा शेष राम जी का संक्षिप्त परिचय

बैजनाथ बी के सूद
बीड़ में स्थित आश्रम जो कि महात्मा शेष राम जी का आश्रम है वहां पर आज भी लोग श्रद्धा से सेवा भाव से कार्य करते हैं और लोग जुड़े हुए हैं। व्रह्मलीन योगी महात्मा शेष राम जी का जन्म 5नवम्बर 1911को मटरू गांव तहसील जोगिन्द्रनगर जिला मण्डी में हुआ । आप बचपन से ही अत्यन्त धार्मिक थे ,ईश्वर के भजन कीर्तन में विशेष रूचि थी ।

प्रारंभिक शिक्षा स्वामी तारा नंद संस्कृत पाठशाला बैजनाथ में लेने के बाद लाहौर में बैद्य विशारद तथा कविराज की शिक्षा के वाद कुछ समय बीड़ तथा मटरू में अध्यापन कार्य किया । 24 बर्ष की आयु में साध्वी रामेश्वरी देवी से विवाह वन्धन से वन्ध गए ।



धर्म पत्नी की सहमति से आजीवन ब्रह्मचारी रहने का व्रत लिया । उन्होंने कठोर साधना करके ईश्वर साक्षात्कार किया तथा क्षेत्र के श्रद्धालुओं को ईश्वर भक्ति,प्राणायाम,योग की शिक्षा दी । महात्मा शेष राम जी के हिमाचल तथा देशभर में हजारों शिष्य ईश्वर प्राप्ति के साधन में रत्त हैं । महात्मा जी गृहस्थ में रहकर ही ईश्वर प्राप्ति करने की प्रेरणा अपने शिष्यों को देते थे । दिनांक 11 नवम्बर 1993 को ध्यानावस्था में शरीर त्याग कर व्रह्मलीन हो गऐ।
उनके हजारों से शिष्य आज भी उनके दिखाए गए मार्ग पर चलकर न केवल अपना जीवन सफल बना रहे हैं बल्कि समाज और देश के लिए भी अपनी सार्थकता बनाए हुए हैं। महाराज जी के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर उनके सभी शिष्य गण समाज के सबसे अंतिम छोर पर खड़े हर व्यक्ति की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं गुरु पूर्णिमा के अवसर पर उनके सभी शिष्य गण उनको शत-शत नमन करते हैं।

Post a Comment

0 Comments

मई माह में कोटी की चढ़ाई नहीं चढ़ पाया था ट्रेन सेट