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किन्नर होने के बावजूद समाज सेवा का जज्बा कूट कूट कर भरा है महंत कांता माई में

कई परिवारों को और जरूरतमंदों की सहायता कर चुकी है कांतामाई



  • पालमपुर 1 अगस्त, प्रवीण शर्मा
    किन्नर होने के बावजूद कांतामाई समाज सेवा के कार्य में जुटी रहती है तथा जरूरतमंदों की सहायता के लिए हमेशा अग्रणी भूमिका निभाती है।




आमतौर पर लोगों के घर में खुशी के मौके पर किन्नर समुदाय के लोग नाच गाने के लिए आते हैं तथा उनकी लगभग यही पहचान आम समाज में होती है। लेकिन बात करेंगे पालमपुर की कांता माई की जोकि इन सभी किन्नर समाज की इस क्षेत्र की प्रमुख मानी जाती है। वह सेवा के क्षेत्र में हमेशा आगे रहती है तथा उनकी यह एक पहचान बन चुकी है। कोरोना काल में 15 दिन तक लगातार इन्होंने जरूरतमंदों को खाना खिलाया। इसके अतिरिक्त कई परिवारों को इन के माध्यम से इस दौरान राशन बांटा गया और 10 बच्चों को गोद लेकर न केवल इन्होंने पाला बल्कि उन्हें शिक्षा देकर उनकी शादियां भी करवाईं। अभी भी इन्होंने दो बच्चियां और भी गोद ली हुई हैं। जिन का सारा खर्च इस समय इस माई द्वारा किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त लड़कियों की शादियों में जरूरत का सामान और खर्चा भी यह जरूरत मंद जगह पर देती हैं तथा जो भी इन्हें जरूरतमंद लगता है उसकी सहायता के लिए यह हमेशा खड़ी हो जाती हैं।

कांता माई का कहना है कि उनकी जिंदगी का लक्ष्य केवल मात्र गरीब लोगों और असहाय लोगों की सेवा करना है जिसके लिए वह जब तक जिंदा है करती रहेंगी। वैसे यह खनियारा रोड कोतवाली बाजार मैं रहती है लेकिन इनका कार्यालय पालमपुर राम चौक वांकु कलोनी में है। उनकी इस सेवाभाव को ध्यान में रखते हुए समाज सेविका लक्ष्मी मेहता द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।

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