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सीएम जयराम बोले- मेरे मना करने पर रामस्वरूप को मिला था टिकट


  • शिमला,रिपोर्ट
    सीएम जयराम ठाकुर ने बुधवार को 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही शोक प्रस्ताव के दौरान कहा कि वर्ष 2014 में मुझे लोकसभा के लिए टिकट दिया जा रहा था। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को मना किया तो उनसे नाम पूछे जाने के बाद उन्होंने रामस्वरूप शर्मा का नाम लिया। इसके बाद यह टिकट रामस्वरूप शर्मा को ही मिला। रामस्वरूप उनसे ही चुनाव लड़वाना चाहते थे और चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में ही उन्होंने अपना नाम लेने की बात की। वह सादगी से पेश आते थे। नरम स्वभाव के थे। दूसरी बार रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीते थे।




इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री बोले कि रामस्वरूप शर्मा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उन्हें फोन करते थे। यह हिमाचल के लिए बड़ी क्षति है। सुजान सिंह पठानिया के बाद यह दूसरा झटका है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने भी एबीपीवी में कार्यरत रहते हुए अपनी स्मृतियां साझा कर संवेदनाएं व्यक्त कीं। दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए उन्होंने सदस्यों से सदन में खड़े होकर मौन रखने की अपील की। करीब एक घंटे तक चले इस शोकोद्गार के बाद सदन की कार्यवाही वीरवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

कबड्डी खेलते थे, शनिदेव के पुजारी थे रामस्वरूप : महेंद्र सिंह

जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने भी शोक प्रस्ताव पढ़ा। वह बोले कि अपने समय में रामस्वरूप कबड्डी के खिलाड़ी रहे हैं। वह शनिदेव के बड़े पुजारी थे। शनिवार को शनिदेव की पूजा करते थे। वह पार्टी के लिए समर्पित थे। संगठन के लिए यह नुकसान की बात है।

नरेंद्र मोदी ने प्रभारी रहते बनाया था संगठन महामंत्री
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज बोले- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब हिमाचल के प्रभारी थे तो रामस्वरूप शर्मा को संगठन महामंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। वे अनेक पदों पर काम करते रहे। मंच पर जाने से भी संकोच करते थे। संगठन मंत्री के नाते पीछे ही रहते थे, पर संगठन के लिए समर्पित थे। इनके अलावा वन मंत्री राकेश पठानिया, विधायक प्रकाश राणा और राकेश जम्वाल ने भी शोकोद्गार पढ़ा।

साभार अमर उजाला।

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