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करियाने की आड़ में बिक रहा और भी सामान,दुकानदारों का आरोप


  • बडूखर, अश्वनी चौधरी
    इंदौरा व फतेहपुर के सीमांत क्षेत्र बडूखर, रे, मलाल, भोगरवान आदि में आजकल करयाना स्टोर तो मानों मल्टी ब्रांडेड शोरूम बन चुके हैं। इन दुकानों पर रोजमर्रा की वस्तुओं के इलावा बाजार में अन्य दुकानों पर बिकने वाली वस्तुएं भी अब खरीदी जा सकती हैं। जहां एक तरफ सरकार की हिदायतों को मानते हुए मनियारी, शूज, चप्पल, कपड़े, किताबों व अन्य वस्तुओं को बेचने वाले दुकानदार घर पर बैठे हुए हैं वहीं मात्र करियाना स्टोर खुले होने के कारण यह बाकी सारा सामान भी अपनी दुकानों पर बेचना शुरू कर चुके हैं।




कुछ दुकानदारों का कहना है कि कोविड दिशानिर्देशों से बंधे होने के चक्कर में वे घर पर रहकर अपनी दुकानों के खुलने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जल्द ही उनकी दुकानें न खुलीं तो कुछ दिनों बाद उनके व्यवसाय में भी सेंधमारी लगने के कारण उन्हें घर पर ही न बैठना पड़ सकता है।

व्यापार मंडल बडूखर के व्यापारियों शुभम, अतुल, प्रदीप, अखिल, सतपाल, अश्वनी, शुबिंदर, छोटू, विजय, सुरेश, रिशु, जंगा, मोनू आदि का कहना है कि जब ग्राहक लंबी - लंबी कतारों में करयाना व अन्य दुकानों पर आ ही रहे हैं तो बाकी दुकानदार भी 3 घंटे में लोगों का सामान देकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर सकते हैं।इनका मानना है कि अगर सरकार व प्रशासन वाकई में हम जैसे दुकानदारों के प्रति असंवेदनशील हो चुकी है तो हमारा रोजगार भी अब सुरक्षित नहीं है।

एक सरकारी कर्मचारी का घर तो उसकी सैलरी के सहारे चल सकता है लेकिन छोटी - छोटी दुकानें चलाने वालों का क्या होगा जिनके परिवार का मुखिया रोज कमाकर घर लाता है तभी उनके घर का खर्च चलता है।
स्थानीय दुकानदारों ने सरकार व प्रशासन से उन्हें भी 3 घंटे दुकानें खोलने का समय देने की गुहार लगाई है ताकि उनका रोजगार भी चलता रहे।

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