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कोरोना का चुनावों पर प्रभाव नही फिर स्कूल बंद क्यों? स्कूल प्रबंधन समिति ने भेजा प्रस्ताव

केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला कुफरी की स्कूल प्रबंधन समिति लामबंद

प्रस्ताव पारित कर शिक्षा विभाग और सरकार को भेजा


पधर(मंडी)। कृष्ण भोज
कोरोना के चलते डेढ़ सालों से भी ज्यादा समय से बंद प्राइमरी स्कूलों को खोलने के लिए अब अविभावक सरकार के खिलाफ लामबंद होना शुरू हुए हैं। अविभावकों ने मांग उठाई है कि एसओपी के तहत प्राईमरी की कक्षाएं शुरू की जाए। 
द्रंग क्षेत्र के केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला कुफरी के अविभावकों ने मंगलवार को आयोजित एसएमसी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर निदेशक एलिमेंट्री और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को ज्ञापन भेजा।
एसएमसी प्रधान ओम प्रकाश ठाकुर, अविभावकों में सीता देवी, मीना, सविता, पन्ना देवी, अंजलि राणा, रक्षा देवी, ज्योति, राजकुमारी, नीतू देवी, दीपा कुमारी, मंजू, कमला देवी और साहिबा ने कहा कि बहुत से अविभावकों के दो दो बच्चे हैं। एक नौनिहाल प्राइमरी और दूसरा हाई स्कूल में पढ़ता है। बच्चों की अब एक ही समय मे एक साथ ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। लेकिन स्मार्टफोन एक होने से एक बच्चा ऑनलाईन क्लास अटेंड नही कर पा रहा है। 
वहीं अविभावकों ने यह भी चिंता जाहिर की की ऑनलाईन कक्षाओं से नौनिहालों की आंख पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। अविभावक मजबूरन ऑनलाईन कक्षाओं के विरोध में हैं। 
गुस्साए अविभावकों का कहना है कि चुनावों के लिए कोई कोरोना का प्रभाव नही है। जबकि बच्चों की पढ़ाई पर कोरोना का प्रभाव पड़ रहा है। जिससे अविभावकों में अब गहरा आक्रोश है। सरकार एसओपी के तहत स्कूल खोलने के आदेश शीघ्र जारी करे। अन्यथा मजबूरन अविभावक सरकार के खिलाफ लामबंद होंगे।
उन्होंने यह भी मांग उठाई कि पढ़ना लिखना अभियान से अध्यापकों को दूर रखा जाए।
उधर, केंद्रीय मुख्याध्यापक सविंदर सिंह ने बताया कि एसएमसी के पदाधिकारियों ने स्कूल खोलने को लेकर प्रस्ताव पारित किया है। जिसे उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा।


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