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धान की फसल पकने को तैयार किसानों कि चिन्ता बड़ी,नहीं बनी दाना मंडी

शिलान्यास से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई दाना मंडी 

बड़ूखर(अश्वनी चौधरी)


हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में फसलों की भरमार होने के बावजूद हर बार इस क्षेत्र को मात्र कोरे आश्वासन ही आज तक मिलते आए हैं अब तक तीन बार इस दाना मंडी का शिलान्यास क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर हो चुका है । लेकिन धरातल पर अभी तक भी शिलान्यास से आगे यह दाना मंडी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है बताते चलें कि इससे पहले पूर्व कृषि मंत्री द्वारा 1998 में बड़ूखर में अनाज मंडी का शिलान्यास किया गया था और कुछ लाख रुपए भी इस पर खर्च हुए थे। लेकिन सरकार बदलते ही डॉ राजन सुशांत द्वारा इस दाना मंडी को मंड क्षेत्र के हरियाली में शिलान्यास किया गया । इसके बाद पुनः सरकार बदली और कृषि मंत्री ने एक बार फिर इसका शिलान्यास कर दिया।
लेकिन विडंबना देखिए कि इतने शिलान्यासाओं के बावजूद इस बार उपचुनाव के मद्देनजर एक बार फिर कृपाल परमार द्वारा कृषि मंत्री वीरेंद्र कवर के द्वारा रियाली में इसका शिलान्यास करवाया गया। लेकिन 2 महीने बीतने के बावजूद अभी तक इस दाना मंडी में एक ईंट भी नहीं लग पाई है अब इससे इस क्षेत्र के किसानों की बदकिस्मती कहें या सरकारों के नालायकी  कि एक ही दाना मंडी का तीन से चार बार शिलान्यास होने के बावजूद आज भी लोग अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहे हैं इस समय किसानों की धान की फसल लगभग पकने को तैयार खड़ी है और पंजाब के आरतियां और दाना मंडी संचालकों ने किसी भी तरह की फसल को खरीदने से साफ इनकार कर दिया है । हिमाचल का किसान अब अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है जो कुछ एक भारतीय है भी वह भी निर्धारित मूल्य से कम रेट पर मजबूर किसानों से फसल खरीदते हैं और उन्हें कई महीनों के बाद फसल का दाम दिया जाता है। जिससे किसान अपने आप को ठगा सा महसूस करता है। 
इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है की रियाली से आसपास के किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं जिसके लिए आज उनके द्वारा पूर्व पंचायत प्रधान वह फनी किसानों ने एक मीटिंग का आयोजन किया। जिसमें रमेश चौधरी कुलदीप कुमार विजय कुमार मदन लाल राम सिंह करमचंद आदि बड़े किसानों ने इकट्ठे होकर यह निर्णय लिया कि वे जल्द ही इस मामले में डीसी कांगड़ा से मिलने जा रहे हैं। जो कोई भी किसान उनके साथ आना चाहे उसका खुले दिल से स्वागत होगा बताते चलें कि इस अनाज मंडी के खुलने से मंड क्षेत्र के इलावा इंदौरा फतेहपुर विधानसभा की लगभग 10 पंचायतों को इसका लाभ होगा।

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