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पर्यटन उद्योग के लिए कृषि पर्यटन और पर्यावरण आधारित पर्यटन की जुगलबंदी आवश्यक: कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी

विश्व पर्यटन दिवस पर आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रिया,अक्षय व संस्कृति रहे अव्वल 

पालमपुर,रिपोर्ट
चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया। कुलपति प्रो. एच. के. चौधरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन उद्योग को पुर्नजीवित करने के लिए कृषि पर्यटन पर पर्यावरण आधारित पर्यटन की जुगलबंदी आवश्यक है। कृषि व पर्यटन में मिलकर काम करना होगा क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान इसे झटका लगा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को बर्फ से लकदक पर्वतो व नदियों, विशाल बागों व चरागाहो, राष्ट्रीय पार्को, वनस्पतियों और प्राणियों के सौंदर्य के लिए जाना जाता है। इसके साथ राज्य में पैराग्लाईडिंग ,स्कीइंग, रोमांचक खेलों आदि जैसे अतिरिक्त पर्यटन आकर्षणों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ऐसा करने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आय होगी।
प्रो. चौधरी ने पर्यटन दिवस को मनाने की पहल के लिए संसाधन प्रबंधन और उपभोक्ता विज्ञान विभाग की सराहना करते हुए वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों को अपनी आमदन के लिए लोगों के बीच में इको एग्रो टूरिज्म के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए कहा। 
कार्यक्रम में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के डीन डा.वाई.एस.धालीवाल के ने भी पर्यटन उद्योग के महत्व पर प्रकाश डाला। संसाधन प्रबंधन एवम उपभोक्ता विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डा.नीना ब्यास ने बताया कि विश्व पर्यटन सप्ताह के उपलक्ष में विगत एक सप्ताह में कई सांस्कृतिक गतिविधियों और कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। 
सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की महक और तमन्ना, कृषि महाविद्यालय की प्रिया धीमान व आधारभूत विज्ञान महाविद्यालय से दिव्याशु डोगरा ने क्रमशः पहला,दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त किया। प्रश्नोत्तरी में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के अक्षय की टीम और व्रत रेसिपी प्रतियोगिता में संस्कृति की टीम अव्वल रहीं। महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापकों डा.शुभांगना शर्मा मुख्य अतिथि  और डा. अविनाश शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर विजेताओं को पुरस्कृत किया। पर्यटन उद्योग के कुछ विशेषज्ञों ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में वैज्ञानिक और विद्यार्थी मौजूद रहे।

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