बडूखर/अश्विनी चौधरी
कृषि प्रसार अधिकारी बडूखर का कार्यालय आजकल लोगों को सुविधा देने की बजाय लोगों की दुविधा का कारण बना हुआ है। कहने को तो कृषि प्रसार अधिकारी का कार्य क्षेत्र की किसान वर्ग को समय-समय पर सभी प्रकार की आधुनिक कृषि तकनीक बीज खाद व नई अनुसंधान की गई फसलों की जानकारी उपलब्ध करवाना है। लेकिन बडूखर स्थित यह कार्यालय उच्च अधिकारियों की लापरवाही व मनमानी के कारण पिछले लंबे अरसे से सफेद हाथी बना हुआ है।
क्षेत्र के किसानों का कहना है कि वह जब कभी उक्त कार्यालय का दौरा करते हैं तो अधिकतर यह कार्यालय बंद ही पाया जाता है कहने को तो शाह नहर के बनने के बाद क्षेत्र के किसान की आर्थिकी में सुधार करने के लिए यह कार्यालय मील का पत्थर साबित हो सकता था लेकिन घोर लापरवाही के कारण यहां के किसानों को बीज खाद कृषि उपकरण स्प्रे पंप हरे चारे की मशीनें व अन्य उन्नत किस्म के बीजों वह खाद को उपलब्ध न करवाने के कारण क्षेत्र की 11 पंचायतों के किसानों को मुंह चिढ़ाता हुआ प्रतीत होता है।
बताते चलें कि फरवरी माह में कृषि प्रसार अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद यह कार्यालय अब तक खाली पड़ा हुआ है उसके बाद यहां पर आने वाले सैकड़ों किसान दफ्तर के बाहर लगे लटके हुए ताले को देखकर महीनों से परेशान वह मायूस हो रहे हैं। अब तक यहां पर समय-समय पर सब्जियों की उन्नत किस्म के बीज गेहूं व अन्य जैविक प्रकार की खाद्य उपकरण इत्यादि नहीं मिल पा रहे हैं जिसके लिए किसानों को 20 किलोमीटर दूर या तो इंदौर आ या फिर फतेहपुर का रुख करना पड़ रहा है जिसमें उनके समय व धन की अनायास ही बर्बादी हो रही है कहने को तो सरकारों का मूल मंत्र किसान की आर्थिक स्थिति वह उन्नत वह आधुनिक कृषि के कारण उनकी आर्थिकी में सुधार लाना मुख्य मुद्दा रहा है लेकिन यह मुद्दा धरातल पर खरा उतरने की बजाए टाय टाय फिस नजर आ रहा है
इस संबंध में कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों से व्यक्तिगत व मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया जा चुका है लेकिन हर बार मात्र कोरे आश्वासन के सिवा अब तक धरातल पर कोई भी प्रगति नहीं हो पाई है।
इस बारे में जब फतेहपुर क्षेत्र विभाग के कार्यालय में वीरेंद्र चौधरी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बड़ोखर का कोई भी कार्यालय हमारे अधीन नहीं है जबकि बाद में उनके द्वारा भू संरक्षण कार्यालय के क्लास फोर्थ कर्मचारी को यहां पर तैनात किया गया इसके बावजूद भी कार्यालय में किसी प्रकार का कोई भी बीज मशीनरी पंप या अन्य बीज उपलब्ध अब तक नहीं करवाए गए हैं अधिकारियों के टालमटोल के चलते किसानों को हर रोज दफ्तर के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
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