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जयसिंहपुर के पूर्व विधायक ने कौन सा अनुभव कांग्रेस विधायकों का प्राप्त किया जिससे उन्हें जिला कांगड़ा के कांग्रेस विधायक नपुंसक दिखे: जसवंत डडवाल

कहा पहले अपने दिमाग का इलाज किसी अच्छे से मानसिक विशेषज्ञ से करवा लें उसके बाद कोई भी टिपणी करें।

जयसिंहपुर, ब्यूरो रिपोर्ट
ब्लॉक कांग्रेस जयसिंहपुर के अध्यक्ष जसवंत डडवाल ने बीजेपी के पूर्व विधायक रवि धीमान की सरकार के कुछ फैसलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान की गयी अभद्र टिप्णियों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये क्षेत्र के पहले हारे हुए विधायक है । जो अपनी शर्मनाक हार पर भी इतराते हुए फिर रहे हैं या फिर यु कहें कि इनको हार का इतना बड़ा आघात लगा है कि ये अपना मानसिक संतुलन पूरी तरह से खो बैठे हैं तो मेरा रवि धीमान को निजी सुझाव है कि बो पहले अपने दिमाग का इलाज किसी अच्छे से मानसिक विशेषज्ञ से करवा लें उसके बाद कोई भी टिपणी करें।
मेरी राय मानें तो आगरा में बहुत बड़ा अस्पताल है जहाँ पर जाकर ये भाई साहब अपना चैक उप करवा लें ,शायद इनको पता नही है कि कांग्रेस के विधायक ने इनसे 11000 वोट वह बापिस लिए हैं जिनके अंतराल से ये 2017 में जीते थे । उसके इलाबा लगभग 2700 वोट ऒर लिए जिनकी बदौलत रवि धीमान को 2022 में हराने में कामयाव हुए है तो इनकी जानकारी दरुस्त कर दूँ की आपने लगभग 14000 वोटर का बिश्वास खोया है जो की बहुत बड़ा  आंकड़ा होता है।

उन्होंने कहा की इनकी बोखलाहट की बजह यह भी है कि इन्होंने जो अपने साडू के साथ करोड़ों रु का चूना जयसिंहपुर की जनता को लगाया है। उसका भी कांग्रेस विधायक हिसाव लेंगे जिससे ये बहुत डरे हुए हैं । उन्होंने धीमान के नपुंसक शव्द के इस्तेमाल पर चुटकी लेते हुए  सवाल करते हुए पूछा है कि ऐसा उनके पास क्या एक्सपीरियंस रहा है । जिसके चलते इन्होंने कांग्रेस के 40 विधायकों को नपुंसक ठहरा दिया। इनको कैसे पता की वह नपुंसक है इन्होंने उनकी नपुंसकता को कहाँ और कब देखा  ये भी जानने का विषय है । जसवंत डडवाल ने यह भी  कहा कि जयसिंहपुर की जनता के साथ साथ धीमान को खुद बीजेपी का संगठंन भी नकार चुका है । अब इनकी सता वापसी लगभग नामुमकिन हो गयी है ,अपने 5 सालों के कार्यकाल में इन्होंने जनता को इतना परेशान किया और ठगा है । जिसका कोई हिसाब ही नही हैं। उन्होंने कहा की इनकी अपनी जुबान की कोई कीमत नही है। इन्होंने कुरु कैलन में व्यान दिया था कि अगर अपने कार्यकाल के दौरान यह बहां पर पुल का निर्माण नही कर पाए तो राजनीती से सन्यास ले लेंगे पर अफ़सोस ये कुर्सी के लालची फिर अहंकार वस फिर अपनी जुबान कायम नही रख पाए, उन्होंने कहा की कुरु कैलन के वेचारे लोग जब अपने पुल की मांग को लेकर उस समय के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास पहुंचे तो इन्होंने अपने कुछ एक गुंडों जिन्हें ये अपने कार्यकर्ता भी कहते हैं आये हुए लोगों जिनमे बच्चे ,महिलाएं, युवा, और बजुर्ग शामिल थे। उन्हें धक्के मरबाये और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने कहा की सत्ता में आने के बाद 3 साल तक कांग्रेस विधायक गोमा के स्वीकृत करवाये कार्यों का शिलान्यास करते रहे , सड़कों पुल पर अपने नाम की पटिकाएँ लगवाते रहे ,उन्होंने आरोप लगाया की  कभी अपनी सरकार के ही खिलाफ धरने पर बैठने की धमकियाँ देते रहे , और काम के नाम पर ज़ीरो  रहे  और जब जनता ने उन्हें सत्ता से बहार का रास्ता दिखाया  तो इनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्होंने आरोप लगाया की चुनावी वर्ष में बिना वजट बिना डॉक्युमेंट्स के राजनितिक लाभ लेने के लिए जालग तहसील,परिवहन डिप्पो, और कुछ बसें दिल्ली और लोकल रूटों पर दौड़ा दी  जो चुनाव सम्प्पन होते ही बंद हो गयी है। उन्होंने कहा की अगर आप इतने ही काम करने के लायक थे तो इन सब कार्यों को  चुनावी बर्ष से पहले संविधानिक तरीके से करते तो विपक्ष भी आपको बधाई देता, लकिन अफ़सोस ऐसा इन्हें करने आता होता  तो मेरी फिर दोबारा रवि धीमान को सलाह रहेगी की अपने दिमाग का इलाज करवाओ नही तो ये सदमे कभी कभी घातक भी सावित होते हैं।

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