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बागवानी मंत्री ने कहा उत्पादों की गुणवत्ता के अनुसार ब्रांडिंग तथा विपणन महत्वपूर्ण

 इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन के लिए प्रदेश में हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड को कलस्टर विकास एजेंसी बनाया गया है

शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा 

हिमाचल प्रदेश में बागवानी के क्षेत्र में कलस्टर विकास कार्यक्रम नए आयाम स्थापित करेगा। प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम को राज्य में सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए विचार कर रही है।

यह जानकारी बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड तथा हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बागवानी के क्षेत्र में विभिन्न फलों का उत्पादन किया जाता है, जिसमें सेब, पलम, आड़ू, नाशपति तथा नींबू प्रजाति के फल इत्यादि प्रमुख हैं। प्रदेश के बागवानी उत्पाद देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। किन्नौरी सेब एक ब्रांड के रूप में जाना जाता है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के उत्पादों की गुणवत्ता के अनुसार इनकी ब्रांडिंग तथा विपणन पर बल दिया जा रहा है।

बागवानी मंत्री ने कहा कि कलस्टर विकास कार्यक्रम के तहत किसानों की सभी जिज्ञासाओं तथा समस्याओं का निवारण कलस्टर विकास एजेंसी करेगी। इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन के लिए प्रदेश में हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड को कलस्टर विकास एजेंसी बनाया गया है। प्रदेश में इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए बागवानी विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है, जो राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के साथ समन्वय स्थापित करेगी। कार्यक्रम के लिए हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम को कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया है। कार्यक्रम के तहत नर्सरी, पैक हाउस, शीत भण्डारण, प्रसंस्करण इकाई तथा एकत्रण केन्द्र के माध्यम से बागवानी क्षेत्र का विकास किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत विभिन्न अन्य कार्यक्रमों व योजनाओं को शामिल किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसानों को आधुनिक तकनीक तथा प्रचलनों से भी अवगत करवाया जाएगा और उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।

इस अवसर पर कार्यक्रम प्रबंधन इकाई ग्रांट थोर्नटन के पार्टनर चिराग जैन ने कलस्टर विकास कार्यक्रम से संबंधित प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होगा तथा प्रदेश में इस कार्यक्रम की सफलता की संभावना बेहतर है। कार्यक्रम के तहत सीडीपी सुरक्षा ऑनलाइन मॉनिटरिंग पोर्टल पर किसानों को अपने लाभ से संबंधित सभी जानकारी प्रदान की जाएगी।


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