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वनखंडी में राज्य के सबसे बड़े चिड़ियाघर के लिए भी मिली स्वीकृति

                                                    टूरिज्म विलेज के लिए भी चयनित की जा रही है भूमि

काँगड़ा,रिपोर्ट नवीन शर्मा 

जिला कांगड़ा के बनखण्डी में बड़े चिड़ियाघर के लिए केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सी.जेड.ए.) से पूर्व स्वीकृति प्राप्त हो गई है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत बड़े चिड़ियाघर की स्थापना एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति से सरकार की इस परियोजना को मूर्तरूप प्रदान करने में बल मिलेगा।

इस चिड़ियाघर में विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों के मूल वन्य जीवों को रखा जाएगा। यह चिड़ियाघर पर्यटकों के लिए वन्य जीवों से जुड़ने, उनके प्राकृतिक व्यवहार और पारिस्थितिक महत्त्व की समझ विकसित करने के केन्द्र के रूप में कार्य करेगा। यह चिड़ियाघर वन्य जीव संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करेगा।

डीसी ने बताया कि जिले में पर्यटन विकास के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं को लेकर स्थान चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित टूरिज्म विलेज के लिए धर्मशाला के समीप नरघोटा में करीब 25 हेक्टेयर भूमि देखी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टूरिज्म विलेज के लिए जिले में अन्य उपयुक्त स्थानों में भी जमीन तलाशी जाए। उन्होंने बताया कि आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक के निर्माण के लिए सकोह में 2 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। वहीं कन्वेंशन सेंटर के लिए सिद्धबाड़ी में 4 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। यहां निर्माण को लेकर एशियन विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिनिधि साईट निरीक्षण भी कर चुके हैं।

उपायुक्त ने कहा कि पौंग क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य और इकोसिस्टम को संरक्षित रखने के लिए वहां पर्यावरण हितैषी टूरिज्म मॉडल विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी विभाग के द्वारा क्षेत्र के सुंदरीकरण को लेकर भी कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पौंग क्षेत्र को इको-टूरिज्म के हिसाब से विकसित करने के लिए यथोचित योजना बनाई जाएगी।





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