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प्रदेश में एचआरटीसी डिपो की लाचारी, 158 बसों पर महज 26 कर्मचारी

                               जानकारी के अनुसार जिले में वर्तमान में 174 रूटों पर बस सेवाएं दी जा रही हैं

चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट 

 प्रदेश सरकार बेहतर परिवहन सेवाएं देने के दावे तो करती है, लेकिन बसों की दुरुस्त करने के लिए कर्मचारियों की व्यवस्था नहीं की जा रही है। हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम चंबा (एचआरटीसी) डिपो में हालात बेहद खराब है। जहां डिपो के लिए 56 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 26 पदों पर ही मैकेनिकल स्टाफ है। जबकि 30 पद मैकेनिकल स्टाफ के रिक्त चले हुए है। ऐसे में तैनात कर्मचारियों पर कार्य का बोझ बढ़ गया है।

जानकारी के अनुसार जिले में वर्तमान में 174 रूटों पर बस सेवाएं दी जा रही हैं। इनमें लंबी दूरी से लेकर लोकल रूट शामिल हैं। खासकर लोकल रूटों पर गाड़ियां बार-बार आवाजाही कर रही हैं। जबकि एचआरटीसी के बेड़े में 158 बसें है। इन बसों के जरिए ही जिले में परिवहन सेवा निर्भर है। ऐसे में बसों में खराबी भी आ आ जाती है, लेकिन पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण परिवहन सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। एक-एक मैकेनिक पांच से आठ गाड़ियां देखनी पड़ रही है। हालांकि, इस बारे में कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है, लेकिन आज दिन तक इन रिक्त पदों को नहीं भरा गया है।

चंबा की मणिमहेश यात्रा और मिंजर मेले के दौरान निगम को व्यवस्था बनाए रखने के लिए जुगाड़ लगाना पड़ता है। कार्यशाला में मैकेनिकल स्टाफ के लिए अन्य जिलों से संपर्क करना पड़ता है। ऐसे में हर डिपो से दो-दो कर्मचारी पहुंचते हैं जो मेले के दौरान चंबा में ही रहते हैं, लेकिन इसके बाद वापस अपने स्टेशनों की ओर चले जाते हैं।आरएम चंबा शूगल सिंह का कहना है कि चंबा में कार्यशाला में 30 कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। इस बारे में निदेशालय अवगत करवाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही नियुक्तियां करेगी।



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