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जिला हमीरपुर में आरोपी लाइनमैन को बिजली बोर्ड ने किया निलंबित

                                                       बेटे के लिए एक लाख में खरीदा था पेपर

हमीरपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

भंग होने से पहले हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से पोस्ट कोड 970 के तहत जूनियर इंजीनियर सिविल के 11 पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में नामजद हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के लाइनमैन रणजीत सिंह को बोर्ड प्रबंधन ने निलंबित कर दिया है। रणजीत कुल्लू जिला के अंतर्गत बिजली बोर्ड डिवीजन आनी में तैनात था। आरोपी लाइनमैन के चौदह दिनों से अधिक समय तक पुलिस और न्यायिक हिरासत में रहने के चलते बोर्ड प्रबंधन ने अब यह कार्रवाई की है।

राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो की ओर से गठित एसआईटी (विशेष जांच दल) ने पोस्ट कोड 970 के तहत जेई सिविल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में 17 जून 2023 को विजिलेंस थाना हमीरपुर में अभ्यर्थी मुकेश कुमार, मुकेश के पिता रणजीत सिंह (लाइनमैन), बर्खास्त ट्रैफिक इंस्पेक्टर रवि कुमार, एचएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर और निलंबित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद के खिलाफ मामला दर्ज किया।प्रदेश उच्च न्यायालय शिमला से इन तीनों की जमानत अर्जी 22 सितंबर 2023 को, जबकि सर्वोच्च न्यायालय से 13 अक्तूबर 2023 को खारिज हो चुकी है। सर्वोच्च न्यायालय से राहत न मिलने पर इन तीनों ने 18 अक्तूबर को विजिलेंस थाना हमीरपुर में आत्मसमर्पण किया। इसके बाद यह तीनों पहले न्यायिक हिरासत, उसके बाद पुलिस रिमांड और अब फिर न्यायिक हिरासत में भेजे गए हैं। वर्तमान में यह तीनों न्यायिक हिरासत में ही हैं।

एसआईटी का दावा है कि पुलिस रिमांड के दौरान इन तीनों आरोपियों ने कबूल किया है कि जेई सिविल भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र उन्होंने मुख्य आरोपी उमा आजाद से एक लाख रुपये में खरीदा था। रणजीत सिंह ने रवि कुमार को पैसों का भुगतान किया था और रवि ने यह रकम उमा आजाद तक पहुंचाई थी और प्रश्नपत्र लेकर मुकेश कुमार को सौंपा था। प्रश्नपत्र हासिल करने के बाद मुकेश ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की। अब इन तीनों आरोपियों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला सत्र न्यायालय हमीरपुर में जमानत के लिए अर्जी दी है, जिस पर 17 नवंबर को सुनवाई होनी है।रणजीत सिंह हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के आनी डिवीजन में लाइनमैन के पद पर सेवारत है। जेई सिविल पेपर लीक मामले में नामजद होने के कारण आरोपी पुलिस रिमांड के बाद अब न्यायिक हिरासत में है। रणजीत सिंह को बिजली बोर्ड प्रबंधन ने नियमों के तहत निलंबित कर दिया है। 




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