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स्टाफ की कमी के चलते सेवानिवृत्त सैनिकों,वीर नारियों व आश्रितों को पेश आ रही दिक्कतें

  पूर्व में कांग्रेस सरकार द्वारा हमीरपुर में राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड व 11 जिलों में सैनिक कल्याण विभागों की स्थापना की गई

पालमपुर,रिपोर्ट प्रवीण शर्मा 

वीरभूमि के नाम से प्रसिद्ध हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा विगत दिनों शहीद सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में इज़ाफ़ा कर उनके परिजनों को जो राहत दी है उसके लिए सरकार बधाई की पात्र है। इस अवसर पर पूर्व सैनिक विभाग के प्रभारी व उपाध्यक्ष सेवानिवृत्त मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा 'एवीएसएम एसएम वीएसएम' ने आगे बताया कि पूर्व में कांग्रेस सरकार द्वारा हमीरपुर में राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड व 11 जिलों में सैनिक कल्याण विभागों की स्थापना की गई थी ताकि प्रदेश के लगभग 126000 पूर्व सैनिकों,19 हज़ार वीर नारियों व सैनिक विध्वाओं व उनके आश्रितों को पैंशन, ईसीएचएस, कैंटीन सुविधाएं तथा उनके पुनर्वास में आने वाली किसी भी समस्या का समाधान उनके गृह जिले में ही उपलब्ध कराया जा सके।


उन्होंने विस्तार से बताया कि पूर्व सैनिकों को आने वाली दिक्कतों को पूरी तरह जानने हेतु उन्होंने हाल ही में एक व्यापक दौरा कर हिमाचल प्रदेश की राज्य, जिला व ब्लाक स्तर की पूर्व सैनिक लीग् के पदाधिकारियों व उनके सदस्यों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को गौर से सुना और उन्हे हल करवाने के लिए प्रदेश सरकार व पूर्व सैनिक विभाग  के समक्ष उठाने का आश्वासन भी दिया।इस सम्बन्ध में पूर्व सैनिकों को आने वाली दिक्कतों से अवगत कराते हुए बताया की राज्य सैनिक बोर्ड तथा जिला सैनिक कल्याण विभागों में स्टाफ के अनेकों पदों को न तो पूर्व सरकार ने भरने पर कोई गंभीरता दिखाई न ही वर्तमान सरकार द्वारा इन पदों पर स्टाफ को पूरी तरह से भरा गया है जिसके फलस्वरूप हज़ारों सेवानिवृत्त सैनिकों,पैंशनभोगियों को अपनी समस्याओं को हल करवाने हेतु ऊना से धर्मशाला व अन्य जिलों में लम्बी दूरी तय कर छोटे छोटे कार्यों को करवाने के लिए जाना पड़ता है।

 जहां उपायुक्त इस विभाग के चेयरमैन हैं वहां सालों साल पूर्व सैनिकों के गठित बोर्ड की मीटिंग तक आयोजित नहीं होती।मुख्य समस्या यह भी है कि अभी तक सैनिक कल्याण का प्रभार किसी भी मंत्री को नहीं दिया गया बल्कि इसका ज़िम्मा एक राज्य सचिव स्तर के अधिकारी के पास है और उसके पास पहले ही लगभग 15 से अधिक विभागों का ज़िम्मा है जिससे पूर्व सैनिकों के मुद्दे काफ़ी पीछे छूट जाते हैं और आसानी से हल नहीं हो पाते। हालांकि सेवानिवृत्त मेजर जनरल राणा ने पूर्व सैनिक कल्याण विभाग सचिव से विस्तार से बात कर उन्हें भी इस मामले से अवगत करवाया है लेकिन स्थिति जस की तस है जिससे प्रदेश के पूर्व सैनिकों में रोष व्याप्त हो रहा है। इसलिए उन्होंने कहा प्रदेश सरकार से आग्रह करते हैं कि सरकार कम से कम राज्य व जिला सैनिक कल्याण विभागों खाली पड़े पदों पर शीघ्र कर्मचारियों की नियुक्ति कर पूर्व सैनिकों को राहत प्रदान करे। अन्यथा आने वाले समय मे पूर्व सैनिकों में व्याप्त रोष असंतोष में बदल सकता है।




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