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प्रदेश में हुई बर्फबारी से अब किसानो और बागवानों को राहत

                                   प्रदेश में हुई बारिश कृषि और बागवानी के लिए बेहतर आंकी गई है

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश में हुई बारिश कृषि और बागवानी के लिए बेहतर आंकी गई है। गेहूं और फलों की पैदावार बेहतर होगी। करीब तीन माह से सूखे की मार झेल रहे किसानों के चेहरे मुरझाने लगे थे, लेकिन इस बारिश ने किसानों के साथ सभी जगह खुशहाली ला दी है। कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने भी इस बारिश को गेहूं, सब्जियों और अन्य फसलों से लेकर पौधों के लिए बेहतर बताया है।राज्य में अच्छे फसल उत्पादन के लिए आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की आवश्यकता है। प्रदेश में 81 फीसदी क्षेत्र वर्षा पर निर्भर है।

 यह बारिश करीब सभी फसलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो वर्षा आधारित परिस्थितियों में उगाई जाती हैं। अधिकांश फसलें सक्रिय वानस्पतिक विकास में हैं और प्रजनन चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। आलू, प्याज और मटर सहित अन्य सब्जियों की फसलों के लिए भी बारिश बहुत महत्वपूर्ण है।कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वह खेतों में उचित जल निकासी सुनिश्चित करें। जल जमाव की स्थिति फसलों के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा किसान बारिश बंद होने के बाद विभिन्न फसलों में नाइट्रोजन की टॉप ड्रेसिंग भी कर सकते हैं। वर्षा आधारित क्षेत्रों में गेहूं उत्पादकों को सलाह दी जाती है कि वह खरपतवार नियंत्रण के लिए छिड़काव कर सकते है।यह बारिश फसलों के साथ पौधों के लिए भी अच्छी है। बागवान अपने पौधों के तौलिये बनाएं, खाद दें और कटाई छंटाई भी कर सकते हैं। इससे आने वाले दिनों में सेब, खुमानी, आड़ू, अखरोट और प्लम आदि की अच्छी पैदावार हो सकती है।

नौणी विवि के विशेषज्ञों ने हाल में हुई बारिश को गुठलीदार फलों के लिए संजीवनी बताया है। विवि के निदेशक अनुसंधान डॉ. संजीव चौहान ने कहा कि बारिश गुठलीदार समेत अन्य फलदार पौधों और फसलों में एक नई जान डाल देगी। हालांकि मैदानी क्षेत्रों में पौधों के लिए अभी और बारिश की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि नए पौधों को लगाने के लिए भी बारिश बहुत कम है। हालांकि जिन बागवानों ने पहले से गड्ढे किए हुए थे, वह नए पौधे लगा सकते है। ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी से बागवानों को लाभ मिलेगा। मैदानी क्षेत्र के किसान-बागवानों को नए पौधे लगाने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। इसके पौधों के लिए करीब दो से ढाई फीट की नमी का होना जरूरी होता है, जिससे पौधा अच्छे से ग्रोथ कर सकता है। पुराने लगे फलदार पौधों की सिंचाई के लिए यह बारिश संजीवनी है।



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