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खुले में ही एक्सपायरी डेट की दवाइयां ठिकाने लगाने का मामला चर्चा का विषय

                                       हरदासपुरा वार्ड में खुले में फेंक दीं एक्सपायरी डेट की दवाइयां

चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट 

शहर के हरदासपुरा वार्ड के समीप डीएवी से मठ विद्यालय के लिए जाने वाले संपर्क मार्ग पर खुले में एक्सपायरी डेट की दवाइयां फेंक दी गई हैं।अज्ञात लोगों की ओर से खुले में ही एक्सपायरी डेट की दवाइयां ठिकाने लगाने का मामला दिन भर शहर में चर्चा का विषय बना रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि खुले में दवाइयां फेंकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। 

प्रबुद्धजनों में डॉ. डीके सोनी, पीसी ओबराय, शादी लाल शर्मा, किशोर शर्मा और सुरेश कश्मीरी ने कहा कि इस रास्ते से स्कूली विद्यार्थियों के साथ लोगों की भी आवाजाही रहती है। ऐसे में जाने-अनजाने बच्चे अगर इन दवाइयों का सेवन कर लेंगे तो उनकी सेहत बिगड़ सकती है। लावारिस मवेशी भी यहां घूमते रहते हैं। दवाइयों का सेवन उनके लिए भी घातक हो सकता है। उधर, हरदासपुरा वार्ड के समीप डीएवी से मठ विद्यालय को जाने वाले संपर्क मार्ग के किनारे एक्सपायरी डेट की दवाइयां फेंकने वालों का पता नहीं चल पाया है। उधर, सूचना मिलने के बाद ड्रग निरीक्षक की टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। खुले में फेंकी गई दवाइयों में सीरप, टैबलेट और एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं। ये दवाएं सरकारी अस्पताल की हैं या प्राइवेट की, इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है।

हैरत की बात है कि खुले में दवाएं फेंकने वालों की भनक स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं लगी है। हालांकि, नियमानुसार ये दवाएं या तो फार्मा कंपनी वापस ले लेती है या फिर इन्हें गड्ढे में दबा दिया जाता है, जिससे इनसे पर्यावरण और लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव न पड़े। हरदासपुरा वार्ड में इससे उलट खुले में दवाइयां फेंक कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया गया है।प्रबुद्धजनों ने कहा कि एक्सपायरी डेट की दवाएं खुले में फेंकना या उसे जलाना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। दवा तब तक दवा है, जब उसकी एक्सपायरी डेट नहीं निकलती। इसके बाद वह जहर के समान हो जाती हैं। यह पर्यावरण के लिए भी काफी खतरनाक है।एक्सपायरी डेट की दवाओं को कंपनियां नियमों के तहत वापस ले लेती हैं। जो दवाएं वापस नहीं होती हैं, उन्हें गड्ढा खोदकर जमीन में दबा दिया जाता है। दवाइयों को दबाने के बाद इनके ऊपर चूने का छिड़काव भी करवाया जाता है। यह भी निगरानी की जाती है कि उसे कोई जानवर खोदकर बाहर न निकाल पाए।




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