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किस मकसद से प्रदेश सरकार ने स्कूलों की क्लस्टरिंग का फैसला संसाधनों को साझा किया

                                             क्लस्टर बनाने से न पद खत्म होंगे, न रुकेगी पदोन्नति

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्कूलों की क्लस्टरिंग का फैसला संसाधनों को साझा करने के मकसद से किया है। इससे इनका इस्तेमाल बच्चों के हित में होगा।  इस फैसले से स्कूलों में न तो किसी की पोस्ट खत्म होगी और न ही किसी की प्रमोशन रूकेगी।


 
क्लस्टर सिस्टम लागू करने का मकसद यही है कि हम बच्चों के लिए कैसे बेहतर कर सकते हैं। हालांकि कई स्कूलों में कुछ शिक्षक पहले से ही यह काम कर रहे है। सरकार की ओर से लिखित निर्देश जारी के पीछे मंशा केवल यही है कि इस तरह के शिक्षकों को ऐसा माहौल मिले कि वे अपना कार्य निर्बाध रूप से कर सके।स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर राजधानी शिमला के लोक प्रशासन संस्थान में चल रही कार्यशाला के दूसरे दिन शुक्रवार को शिक्षा सचिव ने कहा कि ऐसा कर सरकार ने एक सिस्टम बनाने की कोशिश की है ताकि प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के बीच संसाधनों के इस्तेमाल को लेकर कोई दिक्कत न हो।


इस दौरान शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूलों की क्लस्टरिंग करने, अपना विद्यालय योजना जैसे विभिन्न फैसलों के बारे में बताया। शिक्षा सचिव ने कहा कि अपना विद्यालय योजना का मकसद है कि गोद लेने वाले लोग स्कूलों की जरूरतों को पूरा करने में मदद कर पाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक चाहे तो वे बहुत कुछ कर सकते है। उन्होंने शिक्षकों के विभिन्न संगठनों का भी आवाहन किया कि वे सभी मिलकर बैठक करें और उसमें शिक्षा में बेहतरी के सुझावों पर एक ड्राफ्ट तैयार करें। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने  शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल की उपयोगिता पर बताया। उन्होंने कहा कि तकनीक की मदद से बच्चों के सीखने की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। 


समग्र शिक्षा प्रदेश में पैल लैब्स स्थापित करने पर विचार कर रहा है। उत्तर प्रदेश में पैल लैब्स सफलतापूर्वक स्कूलों में लागू की गई हैं। पैल लैब्स स्थापित करने के लिए प्रपोजल तैयार कर नीति आयोग के समक्ष रखा जाएगा। पैल लैब एक ऐसा टूल है, जिसके माध्यम से एक क्लास में हर बच्चे के सीखने की अलग अलग क्षमता का आकलन किया जा सकता है। कार्यशाला में आए पूर्व केंद्रीय सचिव अनिल स्वरूप ने शिक्षा की गुणवत्ता पर आयोजित इस कार्यशाला के आयोजन के लिए शिक्षा मंत्री की खूब तारीफ की है। अनिल स्वरूप ने कहा कि भारत सरकार के स्कूली शिक्षा सचिव के रूप में मैंने हिमाचल में किए जा रहे कुछ उत्कृष्ट कार्यों को देखा था।  खुशी हुई कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर स्वयं शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा करने के प्रयास में जुटे हैं।




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