अगले सप्ताह से ट्रायल होगा शुरू
बिलासपुर,ब्यूरो रिपोर्ट
गोबिंद सागर झील में अब पैरासेलिंग का रोमांच होगा। दिसंबर के पहले सप्ताह में पैरासेलिंग का ट्रायल रन शुरू होगा। वाटर स्पोर्ट्स के लिए एक और गतिविधि को जोड़ा जा रहा है। टिहरी डैम में पैरासेलिंग करवा रही दिल्ली की एक कंपनी को इस परियोजना में ट्रायल संचालन के लिए आमंत्रित किया गया है।
यह कंपनी अगले दो माह तक झील में पैरासेलिंग गतिविधियों का संचालन करेगी। जिला प्रशासन ने परियोजना के लिए सभी आवश्यक अनुमति प्रदान कर दी है। कंपनी दिसंबर के पहले सप्ताह में अपनी पैरासेलिंग बोट को बिलासपुर लाएगी। इस दौरान एक तकनीकी समिति गतिविधियों की निगरानी करेगी।ट्रायल रिपोर्ट के आधार पर जिला नियामक समिति स्थायी संचालन के लिए अनुमति देगी। गोबिंद सागर झील में पहले से मौजूद क्रूज और शिकारे जैसी गतिविधियां पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। अब इन गतिविधियों में पैरासेलिंग को शामिल करने से झील की लोकप्रियता और बढ़ेगी।
गोबिंद सागर झील की प्राकृतिक सुंदरता और इसकी पर्यटन क्षमता को देखते हुए पैरासेलिंग की शुरुआत इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।पैरासेलिंग, जिसे पैरासेंडिंग के नाम से भी जाना जाता है। एक रोमांचकारी गतिविधि है। इसमें व्यक्तियों को एक संशोधित पैराशूट कैनोपी से जोड़ा जाता है। जिसे जमीन पर मोटर वाहन के पीछे खींचे जाने पर या पानी के ऊपर एक मनोरंजक नाव के पीछे खींचे जाने पर हवा में ऊपर उठने के लिए डिजाइन किया गया है। पैराग्लाइडिंग के विपरीत पैरासेलिंग में एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया पैराशूट होता है। जिसे पैरासेल कहा जाता है। पैरासेल को या तो नाव या वाहन से खींचा जाता है और इसका नियंत्रण ऑपरेटर के पास होता है।
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