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आखिर किस मुद्दे को लेकर जिला ऊना में गरजे रायंसरी के बाशिंदे

                                      ग्रामीणों बोले, हरगिज मंजूर नहीं नगर निगम में शामिल होना

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

नगर निगम ऊना की अधिसूचना में शामिल हुई ग्राम पंचायतों में विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं। वीरवार को ग्राम पंचायत रायंसरी का प्रतिनिधिमंडल ऊना पहुंच कर मिनी सचिवालय परिसर मेें सरकार के फैसले के खिलाफ गरजा। सभी ने मिलकर उपायुक्त ऊना जतिन लाल को ज्ञापन सौंप अधिसूचना के विरोध में आपत्तियां दर्ज कराईं और नारेबाजी की।

कुटलैहड़ कांग्रेस नेता एवं निवर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष विवेक कुमार मिंका ने भी सरकार की अधिसूचना का विरोध किया। बड़ी संख्या में शामिल हुए ग्रामीणों संग रायंसरी गांव को नगर निगम में शामिल न करने की अधिसूचना को रद्द करने की मांग उठाई और तत्काल फैसले को रद्द करने का आग्रह सरकार से किया। प्रतिनिधिमंडल ने चेताया है कि अगर प्रशासन और सरकार ने उनकी आपत्तियों पर गोर न किया तो इस अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। वीरवार को ऊना मुख्यालय पहुंचे रायंसरी पंचायत के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करते हुए कांग्रेस नेता विवेक कुमार मिंका, ग्राम पंचायत प्रधान बलविंदर कौर व उप प्रधान दलजीत सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत को नगर निगम में शामिल न किया जाए।

इसके विरोध में यहां मिनी सचिवालय परिसर में नारेबाजी करते हुए सभी ने एकजुट होकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। उपायुक्त जतिन लाल को ज्ञापन के माध्यम से आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। कहा कि मूलभूत सुविधाओं से हमारा गांव पहले ही लैस है। नगर निगम में शामिल होना हरगिज मंजूर नहीं है। सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। इससे पूर्व भी सरकार ने पंचायत को साडा में शामिल करने की अधिसूचना की थी, जिसका विरोध किया गया। अब नगर निगम को लेकर अधिसूचना पंचायत को मिली है, ग्राम समा में भी सभी ने मिलकर विरोध जताया है। 

वहीं, उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि रायंसरी गांव के लोगों ने नगर निगम में शामिल न होने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। ज्ञापन को सरकार को भेजा जाएगा। जो भी निर्देश होंगे उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।प्रधान बलविंद्र कौर ने कहा कि इसे लेकर पंचायतवासियों का विरोध है। नगर निगम के बनने से गांव में विकास का दावा भी सही नहीं है। गांव के लोग गरीब हैं ऐसे में इन पर टैक्स का बोझ तथा उन्हें छोटे मोटे कार्यों के लिए ऊना आना जाना पड़ेगा। इसलिए पंचायत क्षेत्रों को ऊना नगर निगम में शामिल न किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने जमकर नारेबाजी की और नगर निगम में क्षेत्र में शामिल न करने के नारे भी लगाए।



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