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केंद्रीय विश्वविद्यालय से किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ने वालों के लिए सुनहरा अवसर

                                                बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों के लिए डिग्री

धर्मशाला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय से किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ने वालों के सुनहरा अवसर है। ऐसे अभ्यर्थियों को अपनी डिग्री-डिप्लोमा करने के लिए सीयू प्रशासन ने गोल्डन चांस दिया है। सीयू की स्थापना काल से वर्ष 2022 तक के अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन कर सकेंगे।

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले यूजी, पीजी, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के अनुत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई पूर्ण करने के लिए यह अवसर दिया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. एके महाजन ने बताया कि जो विद्यार्थी तीन बार परीक्षा दे चुके हैं और फिर भी वह परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं। वे परीक्षा फार्म प्रति कोर्स 2,000 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये शुल्क को जमा करवा कर आवेदन कर सकते हैं। 


शुल्क के साथ आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को 28 नवंबर तक शुल्क की रसीद के साथ आवेदन फार्म को परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में पाठ्यक्रम के साथ जमा करवाना होगा। उन्होंने बताया कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की परीक्षा दिसंबर में करवाई जाएगी।हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से प्रदेश भर में स्थापित 46 केंद्रों में 25 नवंबर से स्नातकोत्तर की परीक्षाएं शुरु हो रही हैं। इन परीक्षाओं के लिए विवि ने एडमिट कार्ड अपलोड करना शुरु कर दिए हैं। वीरवार से जनरेट हुए परीक्षा एडमिट कार्ड को छात्र अपने लॉगइन आईडी का प्रयोग कर डाउनलोड कर सकते हैं। कॉलेजों से जिन छात्रों के की अवार्ड एंट्री और वेरिफिकेशन हो चुकी है, उनके एडमिट कार्ड ऑनलाइन जनरेट हुए हैं, जिसे छात्र डाउन लोड कर सकते है। 


जिन छात्रों के एडमिट कार्ड डाउन लोड नहीं हो रहे है, वे छात्र अपने कॉलेज में संपर्क करें। परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि जिनकी ऑनलाइन एंट्री नहीं हुई है, उनके एडमिट कार्ड कॉलेज से ऑनलाइन एंट्री और वेरिफिकेशन होने पर ऑनलाइन जनरेट होंगे। राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय नगरोटा बगवां की एमकॉम की छात्रा प्रियंका पुत्री कर्म सिंह ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की ओर से करवाए गए नेट और पीएचडी की परीक्षा 87 परसेंटाइल के साथ पास की है। इनके पिता मजदूर हैं। प्रियंका ने बताया कि महाविद्यालय के वाणिज्य प्राध्यापकों के मार्गदर्शन से इस मुकाम तक पहुंची हैं। 




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