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जिला काँगड़ा के बंदला धार साइट से उड़ान भरेंगे पैराग्लाइडर पायलट

                                 हर साल यहां पर पैराग्लाइडिंग के शौकीन प्रशिक्षण के लिए पहुंचते हैं

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

पैराग्लाइडिंग साइट बंदला धार पर 27 सितंबर से देश-विदेश से प्रशिक्षु पायलट पैराग्लाइडिंग का एसआईवी कोर्स करने के लिए यहां पहुंचेंगे। इसमें बेसिक, एडवांस, कॉम्बो और एक्रो का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बंदला पैराग्लाइडिंग साइट इस प्रकार के प्रशिक्षण के लिए विश्व भर में सुरक्षित साइट मानी जाती है।

 हर साल यहां पर पैराग्लाइडिंग के शौकीन प्रशिक्षण के लिए पहुंचते हैं। पिछले साल भी करीब 150 प्रशिक्षुओं ने यहां पर प्रशिक्षण लिया। यह कोर्स 27 सितंबर से 6 अक्तूबर तक चलेगा। हालांकि, प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ने पर इसे आगे किया जा सकेगा। हर साल करीब एक माह तक का प्रशिक्षण यहां होता है।इसमें देश के साथ विदेशों के प्रशिक्षु भी भाग लेते हैं। इस कोर्स में प्रशिक्षुओं को हवा में करतब करते हुए झील किनारे लैंड करना होता है। आपात स्थिति में झील के बीच में भी उन्हें पैराग्लाइडर के साथ कूदना होता है। बता दें कि मानसून के दौरान हर साल दो माह के लिए साहसिक गतिविधियों पर प्रतिबंध रहता है। 

यह प्रतिबंध 15 जुलाई से 15 सितंबर तक होता है। प्रतिबंध खुलते ही गतिविधियां शुरू होती हैं। बंदला पैराग्लाइडिंग साइट विश्व की तीन मुख्य एक्रो साइट में शामिल है। एसआईवी कोर्स के लिए हर साल देश-विदेश से प्रशिक्षु यहां पहुंचते हैं। एक्रो पैराग्लाइडिंग में पायलट आसमान में पैराग्लाइडर के साथ कई तरह के करतब करते हैं। साइट से टेक ऑफ करने के बाद मानव परिंदे झील के ऊपर कई तरह की अठखेलियां करते हैं। एक्रो सिर्फ ऐसी जगहों पर होती है, जहां पर नीचे पानी हो।बंदला पैराग्लाइडिंग साइट से उड़ान भरने के बाद लैंडिंग गोबिंद सागर झील के किनारे होती है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु झील में उतरते हैं। झील में प्रशिक्षण के दौरान हर समय रेस्क्यू टीम वोट के साथ मौजूद रहती है जो पायलट को झील से बाहर निकालती है।


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