हर 500 मीटर पर होगा निकास द्वार
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
पठानकोट-मंडी फोरलेन में बिजनी-मंडी प्रोजेक्ट के तहत बन रही ट्विन टनल घोड़े की नाल के आकार में होगी। इसकी अलाइनमेंट लगभग सीधी है। बीच-बीच में हल्के मोड़ होंगे। बिजनी से शुरू हाेने वाली टनल का दूसरा छोर स्कोर रोड पर निकलेगा।
यहां ब्यास पर बड़ा पुल बनेगा और बिंद्रावणी से जुड़ेगा। टनल में अत्याधुनिक सुविधाएं भी होंगी।सामरिक दृष्टि से अहम इस प्रोजेक्ट से पठानकोट-मंडी फाेरलेन बिंद्रावणी में किरतपुर-मनाली फाेरलेन से जुड़ेगा। बिंद्रावणी में जंक्शन बनेगा। यहां पांच सर्विस लेन बनेंगी। इससे मंडी शहर, कुल्लू, धर्मशाला, चंडीगढ़ जुड़ेगा। कुल 5.357 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट पर 971.99 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें 3.5 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जा रही है।टनल में हर 500 मीटर पर क्रॉस पैसेज होंगे ताकि किसी भी अनहोनी पर तुरंत वाहनों और अन्य की निकासी दूसरी टनल से आसानी से हो सके। इसके अलावा हर 800 मीटर पर ले बाई यानी इमरजेंसी में गाड़ी खड़ी करने के लिए स्थान रहेगा। टनल में वेंटीलेशन, फायर डिटेक्शन, सीसीटीवी, कम्यूनिकेशन समेत हर तरह की सुविधा होगी।
टनल में स्कॉडा सिस्टम होगा। इसके तहत टनल के भीतर गैस ज्यादा होने पर पंखा तेज गति से चलेगा। कम गैस होने पर पंखे की गति कम होगी। टनल में लाइटें, कंट्रोल रूम के साथ दोनों तरफ फुटपाथ, ड्रेनेज सिस्टम होगा।इस प्रोजेक्ट में टनल के अलावा एक बड़ा और दो छोटे पुल भी बनाए जाएंगे। व्हीकल ओवरपास के साथ प्रोजेक्ट में गोल चक्कर भी बनेगा। वर्ष 2027 के आखिर तक इस प्रोजेक्ट के पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट के बनने के बाद जोगिंद्रनगर की तरफ से आ रहा यातायात सीधे टनल से होकर बिंद्रावणी पहुंचेगा। यहां से मनाली और चंडीगढ़ का रुख किया जा सकेगा। इससे मंडी शहर पर यातायात का बोझ कम होगा।बिजनी-मंडी परियोजना का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। टनल में हर तरह की सुविधा उपलब्ध रहेगी ताकि टनल से गुजर रहे यात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। प्रोजेक्ट के बनने से मंडी शहर बाईपास होगा।
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