रोहतांग का विकल्प बने बारालाचा और शिंकुला दर्रे
कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश की सैर पर आने वाले सैलानियों की पहली पसंद रोहतांग दर्रा है, लेकिन एक दिन में महज 1,200 वाहनों के ही जाने की अनुमति होने से अब पर्यटक बर्फ देखने की चाह में बारालाचा और शिंकुला दर्रा का रुख करने लगे हैं।
रोहतांग दरें की भांति बारालाचा और शिंकुला की ओर जाने वाले पर्यटकों की संख्या भी अधिक है। मनाली-लेह मार्ग पर स्थित बारालाचा के लिए रोजाना 1,500 से 2,000 से वाहन जा रहे हैं। इनमें लेह की ओर जाने वाले वाहन भी शामिल हैं।पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि रोहतांग दरे के लिए दिए जाने वाले परमिट की संख्या में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। टैक्सी यूनियन के महासचिव अमित के अनुसार रोहतांग के लिए वाहनों की संख्या बढ़ाने को लेकर टैक्सी यूनियन ने सरकार से कदम उठाने की मांग की है। प्रशासन से भी गुहार लगाई है। जबकि यूनियन ने खुद एनजीटी और उच्च न्यायालय में इसकी याचिका दायर की है। बारालाचा की ओर पर्यटकों के रूझान को देखते हुए हिमाचल पर्यटन विकास निगम ने ट्रेवलर बारालाचा के लिए अपनी सेवा भी शुरू कर दी है। हर रोज एक टेंपो ट्रेवलर बारालाचा के लिए पैक होकर जा रही हैं।
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर रोहतांग के लिए वाहनों की संख्या सीमित कर दी गई है। परमिट हासिल करने के बाद एक दिन में 1,200 वाहन ही रोहतांग जा सकते हैं। इसके अलावा विशेष परमिट लेकर 100 वाहनों को जाने की अनुमति है, लेकिन पर्यटकों की संख्या इतनी अधिक है कि ऑनलाइन स्लॉट बुक हो रहा है। अपने सीमित टूर प्रोग्राम के कारण पर्यटक बारालाचा और शिंकुला दर्रा का रुख कर रहे हैं। बारालाचा जाने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हिमाचल पर्यटन विकास निगम के डीजीएम बीएस ओकटा ने बताया कि बारालाचा के लिए निगम की ने एक ट्रेवलर चलाया है। यह रोजाना पैक चल रहा है। बारालाचा में बर्फ देखने की सैलानियों की हसरत जरूर पूरी हो रही है लेकिन रोहतांग जैसा रोमांच बारालाचा में नहीं है। बारालाचा में बर्फ के बीच होने वाले रोमांचक खेल नाममात्र के हैं। परिणामस्वरूप बर्फ के बीच अठखेलियां कर सैलानी मनाली लौट रहे हैं।
0 Comments