करीब 1,400 जल रक्षकों को पंप अटेंडेंट बनाने का फैसला लेगी सरकार
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
आपदा के दौरान पेयजल योजनाएं बहाल करने में अहम भूमिका निभा रहे जल शक्ति विभाग के जलरक्षकों को पंप अटेंडेंट बनाने का प्रस्ताव आगामी मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के लिए जाएगा। 12 साल की सेवाएं पूरी कर चुके करीब 1,400 जल रक्षकों को पंप अटेंडेंट बनाने का फैसला सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में लेगी।
यह जानकारी उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपने फेसबुक पेज पर दी।प्राकृतिक आपदा से जल शक्ति विभाग की पेयजल और सिंचाई योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को 495 करोड़ का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन से 200 से अधिक पेयजल योजनाएं अभी भी प्रभावित हैं। मुश्किल दौर में जल रक्षक पेयजल योजनाओं की मरम्मत में अहम योगदान दे रहे हैं।
मुकेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि जल जीवन मिशन के तहत हुई भर्तियों का पैसा केंद्र की ओर से जारी न होने से पेश आ रही दिक्कत के चलते राज्य कोष से सवा चार करोड़ जारी कर 500 से ज्यादा कर्मचारियों का वेतन जल शक्ति विभाग ने दे दिया है। हमने केंद्र से जल जीवन मिशन का बकाया 1200 करोड़ जारी करने का आग्रह किया है। डिजास्टर के तहत नुकसान की भरपाई के तहत सरकार ने 53 करोड़ जारी किए हैं। उसे फील्ड में भेजा जा रहा है। मंडी के सराज में तत्काल मरम्मत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 2 करोड़ भेज दिया है। पाइपों की खरीद के लिए 60 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।
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