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जाको राखे साइयां, मार सके न कोई

                                                       पथरीली सड़क पर अपने बच्चे को जन्म दिया 

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

जाको राखे साइयां, मार सके न कोई। यह कहावत ठियोग में चरितार्थ हुई है। रविवार सुबह एक महिला ने पथरीली सड़क पर अपने बच्चे को जन्म दे दिया, जिसके बाद भी जच्चा और बच्चा स्वस्थ व कुशल हैं। दरअसल नेपाल मूल की एक महिला प्रसव पीड़ा से गुजरते हुए अस्पताल की ओर पैदल ही चलकर आ रही थी। महिला को खुले आसमान के नीचे ही अपने बच्चे को जन्म देने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान महिला के साथ आई एक अन्य महिला ने प्रसव करवाने में उसकी मदद की। 

यह प्रसव जिस हालात में हुआ, उसे सुनकर हर कोई हैरान है और महिला की हिम्मत की दाद दे रहा है।जाको राखे साइयां, मार सके न कोई। यह कहावत ठियोग में चरितार्थ हुई है। रविवार सुबह एक महिला ने पथरीली सड़क पर अपने बच्चे को जन्म दे दिया, जिसके बाद भी जच्चा और बच्चा स्वस्थ व कुशल हैं। दरअसल नेपाल मूल की एक महिला प्रसव पीड़ा से गुजरते हुए अस्पताल की ओर पैदल ही चलकर आ रही थी। महिला को खुले आसमान के नीचे ही अपने बच्चे को जन्म देने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान महिला के साथ आई एक अन्य महिला ने प्रसव करवाने में उसकी मदद की। यह प्रसव जिस हालात में हुआ, उसे सुनकर हर कोई हैरान है और महिला की हिम्मत की दाद दे रहा है।यह महिला ठियोग की कीट पंचायत में एक स्थानीय व्यक्ति के पास काम करती है। रविवार सुबह जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो स्थानीय व्यक्ति ने उसे अपने वाहन में अस्पताल लाने की कोशिश की, लेकिन बिजली बोर्ड दफ्तर के पास सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण अस्पताल की ओर आने वाला सीधा रास्ता बंद पड़ा था। 


इस जगह से अस्पताल करीब सौ मीटर की दूरी पर ही है। स्थानीय व्यक्ति ने दोनों महिलाओं को उसी जगह उतारकर बाईपास से गाड़ी मोड़कर लाने की बात कही। इसी दौरान एक बाइक सवार ने महिला की हालात के बारे में अस्पताल में आपातकालीन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को जानकारी दी।उस समय अस्पताल में स्थानीय व्यापारी और समाजसेवी गौरव जोशी मौजूद थे। मौके की गंभीरता को देखते हुए गौरव जोशी अपने वाहन में दो नर्सों को बिठाकर मौके की ओर रवाना हुए। महिला और उसका नवजात बच्चा सड़क पर ही थे। दोनों नर्सें ने बिना वक्त गंवाए अपने साथ लाए कंबल में जच्चा और बच्चा को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया और उनका इलाज शुरू किया। इलाज के बाद दोनों की हालात स्थिर और सुरक्षित बताई जा रही है। गौरव जोशी के अनुसार मौके पर महिला और उस बच्चे की हालत को देखकर वह काफी विचलित हो गए थे। उन्होंने कहा कि महिला की हिम्मत और नर्सों की त्वरित प्रतिक्रिया से दोनों की जान बच पाई है।


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