कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय में वीसी की नियुक्ति प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की रोक
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और बागवानी विवि नौणी में कुलपति के पदों के लिए आवेदन को 21 जुलाई को जारी विज्ञापन नोटिस पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
सरकार ने मामले में जवाब दायर करने के लिए चार हफ्ते मांगे, जिसे न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने स्वीकार कर लिया। मामले में अगली सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि भर्ती नोटिस में प्रोफेसर के समकक्ष पदों पर कार्यरत योग्य उम्मीदवारों को आवेदन करने से बाहर रखा है, जो इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के निर्देशों के अनुरूप नहीं है। नोटिस में समकक्ष शब्द होना चाहिए था, जिससे प्रोफेसर के बराबर पदों पर कार्यरत योग्य शिक्षक भी आवेदन कर सकें। याचिकाकर्ता अजय दीप बिंद्रा कृषि विवि में बतौर प्रधान वैज्ञानिक हैं और अन्य नौणी में प्रधान बागवानी विशेषज्ञ हैं, जो प्रोफेसर के पद के समकक्ष हैं।
उन्होंने 26 जुलाई 2014 के एक कार्यालय आदेश का हवाला दिया, जिसमें कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत कई एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर और समकक्ष पदों पर नियुक्त किया गया था। इसमें याचिकाकर्ता नंबर-एक का नाम भी 39 वें स्थान पर हैं, जिन्हें प्रिंसिपल एग्रोनॉमिस्ट के पद पर पदोन्नत किया था। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकार ने विज्ञापन नोटिस में इस विसंगति को देखने के बाद हिमाचल के कुलाधिपति राज्यपाल से संपर्क किया है, लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि कुलपति की भर्ती के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार राज्यपाल के सचिव को नहीं है, बल्कि नोटिस कृषि और बागवानी विभागों के प्रशासनिक प्रमुखों की ओर से जारी किया जाना चाहिए। अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि भर्ती नोटिस में समकक्ष शब्द का उपयोग किया जाना चाहिए था, जिससे प्रधान वैज्ञानिक और प्रधान बागवानी विशेषज्ञ जैसे प्रोफेसर के बराबर पदों पर काम कर रहे शिक्षक भी कुलपति के पद के लिए आवेदन कर सके।
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