स्थानीय व्यापारी, खाताधारक और उपभोक्ता चिंता में
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
जसूर बाजार में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखा को स्थानांतरित करने की तैयारी शुरू हो गई है। बैंक प्रबंधन ने सात दशक पुरानी मौजूदा इमारत को असुरक्षित मानते हुए शाखा को रेलवे फाटक के दूसरी ओर शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा है।
यह खबर सामने आते ही स्थानीय व्यापारी, खाताधारक और उपभोक्ता चिंता में हैं।थोक कारोबार के केंद्र माने जाने वाले जसूर बाजार में एक दर्जन से अधिक बैंकों की शाखाएं हैं। बाजार का एक हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर और दूसरा जसूर–राजा का तालाब सड़क पर स्थित है। एनएच वाले हिस्से में लगभग 400 कारोबारी परिसर हैं, जबकि दूसरे हिस्से में करीब 200 व्यापारी सक्रिय हैं। कुछ वर्ष पहले यहां चार बैंक कार्यरत थे, लेकिन फोरलेन निर्माण के कारण दो प्रमुख बैंक स्थानांतरित हो गए। फिलहाल केवल दो बैंक बचे हैं, जिनमें से एक एसबीआई है।बाजार के 300 से अधिक खाताधारक इस स्थानांतरण का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रस्तावित नया स्थान रेलवे फाटक के पार है, जो दिन में कई बार और लंबे समय तक बंद रहता है। वहां पार्किंग की सुविधा भी नहीं है, जिससे ग्राहकों को भारी दिक्कत होगी।
व्यापारियों राकेश, सूरज महाजन, रॉकी, मुकुल, अशोक, नंदू शर्मा, राजू, लक्की, राजीव आदि ने चेताया है कि अगर शाखा मुख्य बाजार से हटाई गई तो वे अपने खाते अन्य बैंकों में स्थानांतरित कर देंगे।माना जा रहा है कि बैंक के स्थानांतरण से खन्नी, राजा के बाग, वरंडा, नागाबाड़ी, भलून, बदुई सहित अन्य पंचायतों के खाताधारक एवं पेंशनर भी प्रभावित होंगे। व्यापार मंडल और मार्केट वेलफेयर कमेटी ने बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर एनएच पर एसबीआई की एक शाखा बनाए रखने की मांग की है। उनका कहना है कि पठानकोट से कोटला तक 57 किलोमीटर लंबे एनएच पर यह एकमात्र एसबीआई शाखा है और इसके हटने से कारोबारियों व उपभोक्ताओं को भारी परेशानी होगी।उधर, एसबीआई के रीजनल मैनेजर अंकित गर्ग ने कहा कि मामला विचाराधीन है और निर्णय लेते समय व्यापारियों व ग्राहकों के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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