फर्जी कागजों से लाभ ले गए वीआईपी मजदूर
हमीरपुर,ब्यूरो रिपोर्ट
भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की योजनाओं में धांधली का नया खुलासा हुआ है। जिला हमीरपुर में कई सरकारी कर्मचारियों की पत्नियों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे खुद को मजदूर दर्शाकर योजनाओं का लाभ उठाया।
ताजा मामले में बड़सर थाना में दो महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन महिलाओं ने वर्ष 2021 में मातृत्व सहायता योजना के अंतर्गत 25 हजार रुपये और छह माह की दिहाड़ी के साथ लगभग 75 से 80 हजार रुपये का आर्थिक लाभ लिया। जांच में इनके दस्तावेज फर्जी पाए गए, जिसके आधार पर बोर्ड की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई और मामला दर्ज हुआ।इससे पहले भोरंज थाना में भी इसी तरह के दो मामले सामने आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि विभागीय जांच के बाद इन महिलाओं को अपात्र पाया गया है। सभी एफआईआर भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की शिकायतों के आधार पर दर्ज की जा रही हैं। जांच में सामने आया है कि कई लाभार्थी ऐसे हैं, जिनके नाम पर चार मंजिला कोठियां हैं, फिर भी इन्होंने खुद को मजदूर बताकर योजनाओं का लाभ लिया।
अब विभागीय दबाव और कार्रवाई की आहट के बाद कुछ लाभार्थी योजना से मिली राशि को लौटाने भी लगे हैं।साल 2021 में जिला हमीरपुर में 21 हजार से अधिक लोगों ने मजदूर के तौर पर पंजीकरण करवाया प्रदेशभर में यह आंकड़ा 70 हजार पार कर गया था। बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव कंवर के अनुसार जांच में सामने आया है कि कई अपात्र व्यक्तियों और रसूखदार परिवारों ने भी झूठे दस्तावेज देकर योजनाओं का लाभ उठाया। सुजानपुर और हमीरपुर में भी इसी तरह के मामलों की शिकायतें पुलिस को दी गई हैं। इनमें जल्द एफआईआर हो सकती है। बोर्ड की शिकायत पर दो महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले में जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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