दो साल में पूरा होगा सड़क निर्माण कार्य
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
प्रदेश में सड़क विकास के बड़े प्रोजेक्ट शिमला-मटौर फोरलेन के पैकेज- 2 का टेंडर भराड़ीघाट (कलरवाला) से धड्योटा तक लगभग 9 किलोमीटर के निर्माण कार्य के लिए एमएस रामकुमार प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम (हरियाणा) को 435 करोड़ रुपये में दिया गया है।
कंपनी को यह कार्य दो साल में पूरा करना है। इस पैच में दो टनल भी शामिल होंगी। इनकी लंबाई प्रत्येक 300 मीटर होगी।इसके साथ ही शालाघाट से तारादेवी फोरलेन का डीपीआर टेंडर भी जारी हो चुका है। खास बात यह है कि डीपीआर बनाने वाली कंपनी ही इस कार्य के तहत आने वाले मकानों की संख्या, उनकी लागत, पेड़ों की संख्या और उनका मूल्यांकन भी करेगी। पहले यह कार्य एनएचएआई अन्य एजेंसियों के माध्यम से करवाती थी। एनएचएआई का लक्ष्य है कि 2028 तक शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना को धरातल तक लाया जाए।
परियोजना के पूरा होने के बाद प्रदेश के दो प्रमुख शहर शिमला और धर्मशाला के बीच सफर सुहाना और सुरक्षित हो जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस फोरलेन के बनने से हिमाचल प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि होगी। बेहतर सड़क सुविधा मिलने से प्रदेश में आने वाले पर्यटक बढ़ेंगे, जिससे राजस्व में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। परियोजना के निर्देशक विक्रम मीणा ने बताया कि यह फोर लेन प्रदेश में सड़क यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस परियोजना से न केवल यातायात सुगमता मिलेगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी और आसपास के इलाकों के विकास में भी मदद मिलेगी।
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