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मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्रीय राज्य मंत्री से की मुलाकात

                                         प्रदेश में 50 स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने की रखी मांग

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में त्वरित चेतावनी उपलब्ध करवाने के लिए डॉप्लर वेदर रडार और समुचित संख्या में स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थिति, वैश्विक ऊष्मीकरण एवं मौसम में परिवर्तन के कारण प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इस कारण राज्य में व्यापक स्तर पर नुकसान हो रहा है। उन्होंने किन्नौर जिला में एक डॉप्लर वेदर रडार और प्रदेश में 150 स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया ताकि इनके माध्यम से पूरे राज्य में अग्रिम चेतावनी प्रणाली का लाभ मिल सके।उन्होंने आग्रह किया कि यह प्रणालियां अगले मानसून सीजन से पूर्व स्थापित की जाएं। मुख्यमंत्री ने लाहौल-स्पीति जिले के लिए एक डॉप्लर वेदर रडार स्वीकृत करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केंद्रीय राज्य मंत्री से आग्रह किया था।

  उन्होंने कहा कि प्रदेश के मौसम डेटा को केंद्र की ओर से अधिसूचित अग्रिम चेतावनी एजेंसियों के डेटा के साथ एकीकृत किया जाना आवश्यक है। इससे एकीकृत जानकारी एवं समयबद्ध अग्रिम चेतावनी प्राप्त होने में सुगमता होगी। उन्होंने कांगड़ा-हमीरपुर जोन में सीस्मिक प्रयोगशाला एवं डेटा विश्लेषण केंद्र स्थापित करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है और उच्च क्षमता युक्त केंद्र की स्थापना प्रदेश सहित अन्य पर्वतीय राज्यों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।मुख्यमंत्री ने हमीरपुर जिला में मौसम डेटा केंद्र, प्रदेश के उंचाई वाले क्षेत्रों में दो अतिरिक्त वायु निगरानी प्रणालियां और शेडो जोन में कॉम्पैक्ट वेदर रडार स्थापित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं में अप्रत्याशित वृद्धि के दृष्टिगत अत्याधुनिक चेतावनी एवं डेटा अनुश्रवण और विश्लेषण प्रणाली की स्थापना समय की आवश्यकता है। 

उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री से प्रदेश में अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्पेस ऑन व्हील्स कार्यक्रम, कृत्रिम मेधा एवं संबंद्ध तकनीक की अद्यतन जानकारी के लिए रिफ्रेशर कोर्स, पर्यावरण संरक्षण एवं समग्र विकास के दृष्टिगत पौध आधारित पैकेजिंग प्रणाली तैयार करने के लिए अनुसंधान तथा विकास केंद्र और प्रदेश में पर्वतीय जैविक संसाधनों के समग्र उपयोग के लिए जैव उत्पादन हब  की स्थापना के लिए प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृत करने का आग्रह भी किया।प्रदेश में प्राकृतिक कृषि एवं लैवेंडर सहित लेमन ग्रास और पुष्प खेती के विषय में भी बैठक में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।  मुख्यमंत्री ने अवगत करवाया कि हिमाचल प्राकृतिक कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रदेश सरकार की इस पहल से कृषक व्यापक स्तर पर लाभान्वित हो रहे हैं।  केंद्रीय राज्य मंत्री ने हिमाचल सरकार की इस पहल की सराहना की। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य की विभिन्न मांगों पर शीघ्र उचित निर्णय लिया जाएगा। 

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