नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर लगाया बदले की भावना से काम करने का आरोप
शिमला, ब्यूरो रिपोर्ट
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर राजनीतिक द्वेष भावना के साथ काम करने का आरोप लगाया है लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक से 41 डॉक्टरों के एक साथ तबादले को लेकर। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के बाद से अजीब निर्णय किए गए हैं, जो संस्थानों को बंद कर रहे हैं या जानबूझकर कमजोर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपना तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले हैं, लेकिन व्यवस्था सुधारने के बजाय पतन की ओर चली गई है। ये पहला अवसर नहीं है कि मुख्यमंत्री जहां भी जाते हैं वहां देने के बजाए छीनने पर उतारू हैं।उन्होंने कहा कि दो बार अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव में मुख्यमंत्री आये और कहा कि एक माह के अंदर नेरचौक मेडिकल कालेज में एमआरआई मशीन स्थापित कर दी जाएगी, लेकिन तीन साल पूरे होने को हैं बावजूद इसके उनकी घोषणा धरातल पर नहीं उतर पाई।
हकीकत तो ये है कि सरकार बनने के बाद से अब तक इन तीन वर्षों में एक बार भी रोगी कल्याण समिति गवर्निंग बॉडी की मीटिंग तक यहां नहीं हुई। स्वास्थ्य मंत्री के पास ये महत्वपूर्ण बैठक करने का भी समय नहीं है। मुख्यमंत्री हवा हवाई बातें करते हैं और जमीनी वास्तविकता से बाकिफ नहीं होते हैं। जब भी इनका मंडी का दौरा होता है तो कुछ न कुछ छीनकर ले जाते हैं।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सबसे पहले इन्होंने मंडी आकर हमारे समय में खोली गई प्रदेश की दूसरी सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी को बंद करने का प्रयास किया और जब हमने इसका विरोध किया तो उसका दायरा घटाकर मात्र दो जिलों के कॉलेज तक इसे सीमित कर दिया। यही नहीं इनकी मंशा इस संस्थान को भी पूरी तरह बंद करने की थी, लेकिन हमने विधानसभा में इसे लेकर अपना रोष प्रकट किया तो इसको कमजोर करने की अभी तक कोशिशें जारी हैं।
अब देश की आजादी के उत्सव 15 अगस्त के दिन सरकाघाट में आकर इन्होंने नया एलान कर दिया कि नेरचौक स्थित अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी को सरकाघाट में खोला जाएगा जबकि ये विश्वविद्यालय भी यहां नेरचौक खुले एक दशक होने जा रहा है जिसके लिए यहां पर्याप्त स्थान और कैम्पस के लिए जमीन भी तलाश की जा चुकी है। बाबजूद इसके मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इसको बदले की भावना से शिफ्ट करने जा रहे हैं, ताकि मंडी वालों को इनके राजनीतिक लाभ के लिए आपस में उलझाया जा सके।
उन्होंने कहा कि ऐसा वो कभी होने ही नहीं देंगे और मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी को इसका नुकसान आने वाले चुनावों में अवश्य उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी भाजपा के पास मंडी जिला में दस में से नौ विधायक हैं। मुख्यमंत्री लगातर प्रयास कर रहे हैं कि कांग्रेस को कोई फायदा मिले लेकिन इनकी इन्ही हरकतों की वजह से तय है कि 2027 में भाजपा सभी दस सीटें जीतेगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री मंडी के विकास में तो भेदभाव कर ही रहे हैं लेकिन अब यहां के नेताओं के प्रति भी द्वेष भावना रख रहे हैं। जहां भी जाते हैं तो वहां अपनी सरकार के काम गिनाने के बजाए मुझे टारगेट कर गालियां देने का काम करते हैं। इसमें उनका भला होने वाला नहीं है। मंडी की जनता जानती है कि यहां विकास किसने किया है और जो संस्थान खुले थे उनको बंद किसने किया है। आज पूरे प्रदेश में ये सरकार केवल बदले की भावना से काम करने वाली सरकार के रूप में पहचानी जाने लगी है। हमीरपुर में मुख्यमंत्री के घर हैं लेकिन वहां भोरंज के एक विधायक को छोड़ कोई उनके साथ नहीं है। उनकी यही बदले की भावना से काम करने की वजह से उनके दो विधायकों और एक निर्दलीय ने हमीरपुर में इनका साथ छोड़ भाजपा के साथ चलना स्वीकार किया।
उनका कहना था कि मुख्यमंत्री अब व्यवस्था परिवर्तन का रोना छोड़कर विकास पर ध्यान दें और बदले की भावना छोड़ दें। आपकी नीतियों से जनता तंग आ चुकी है और अगर आप ऐसे ही निर्णय लेते रहेंगे तो कांग्रेस को 2027 में दस सीटें भी नहीं मिलेगी। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री सुक्खू अब जनता को सुविधाएं देने के बजाय दुःख और परेशानी में डालना सीखा है। इससे अधिकारी भी परेशान हैं। लगातार मनमाने फैसले लेने से व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है और विकास नहीं हो रहा है।
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