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पंप हाउस के मशीनों से हो रहे ध्वनि प्रदूषण से परिवार वालो जीना हुआ मुश्किल

बैजनाथ, रितेश सूद

उपमंडल बैजनाथ के महाकाल में जल शक्ति विभाग द्वारा बनाए गए पंप हाउस से वहां के स्थानीय अशोक राणा और उनका परिवार वालो को मुशिकलों का सामान करना पड़ रहा है।अशोक  ने बताया जल शक्ति  विभाग ने 2003 में  एक टयूबवेल का निर्माण किया था,जिसके माध्यम से पहले एक टैंक को पानी की सप्लाई जाती थी,लेकिन जैसे जैसे समय बीतता चला गया,वैसे वैसे  अन्य जगहों से भी पानी की मांग आने लगी,जिसके बाद विभाग ने दो टैंक का और निर्माण कर दिया,जिसके बाद एक और मशीन पंप हाउस में लगा दी,थोड़े समय बाद अन्य क्षेत्रों से भी पानी की मांग बढ़ी, जिसके बाद दो और टैंको का निर्माण कर एक और मशीन को लगा दिया गया,इन मशीनों के माध्यम से  टैंको में पानी भरा जाता है,और साथ मे लोगो के घरों को भी इस टयूबवेल के माध्यम से पानी के कनेक्शन दिए गए है,उनको भी इन्ही मशीनों के माध्यम से पानी की सप्लाई दी जाती है इसके थोड़े समय तक तो यह मशीनें ठीक काम करती रही,लेकिन उसके बाद मशीनों से जोर जोर से आवाज आना शुरू हो गई।



जिस कारण अशोक राणा और उसके परिवार वालो की परेशानी बढ़ गई। जिसके बाद उन्होंने इस कि शिकायत विभाग से की,विभाग के कर्मचारियों ने उन मशीनों को उस समय तो ठीक कर दिया,पर थोड़े दिनों बाद फिर से मशीनों से आवाज आना शुरू हो गई।अशोक ने बताया कि उनका घर इस पंप हाउस से मात्र 3 मीटर की दूरी पर है,और उनके घर मे बजुर्ग माता सहित बच्चे भी है,लेकिन मशीनों के शोर से उनको मानसिक तनाव हो गया है,कयोंकि यह मशीनें स सुबह 4 बजे से रात साढ़े 8 बजे तक  चलती रहती है,बीच मे तीन घंटे के लिए इन्हें बंद रखा जाता है,लेकिन दिन में लगभग 11 से 12 घण्टे मशीनों से जोर जोर की आवाज आने से काफी परेशान हो चुके है।उन्होंने इस कि शिकायत जिलाधीश सहित विभाग के उच्च अधिकारियों को भी शिकायत कर चुके है,लेकिन शिकायत का अभी तक निवारण नही हुआ है,उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि जल्द इन मशीनों को बदल कर ध्वनिरहित मशीनों को लगाया जाए और उनके परिवार को इस समस्या से निजात दिलाई जाएं।

इस बारे में जल शक्ति विभाग के एसडीओ अमित चौधरी का कहना है कि मौके का दौरा करके जल्द समस्या का हल करने का प्रयास किया जाएगा।



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