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पालमपुर के अक्षय मिश्रा बने हिमाचल के पहले यूएवी रजिस्टर्ड पायलट

बनाया अपना फर्स्ट पर्सन व्यू रेसिंग ड्रोन

पालमपुर ,प्रवीण शर्मा
पालमपुर के अक्षय मिश्रा हिमाचल के पहले यूएवी डीजीसीए से सम्बंधित रजिस्टर्ड पायलट बने हैं। इस तरह से हिमाचल प्रदेश में आज दिन तक कोई भी रजिस्टर्ड पायलट नहीं है। इस विषय पर अक्षय मिश्रा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस प्रोफेशन में बहुत कम छात्र जुड़े हुए हैं जबकि उनका जुनून उन्हें आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि जब वह इस प्रोफेशन को लेकर डिप्लोमा लेने के लिए गए तो वहां पर उन्होंने इस बात को देखा जिसमें डीजीसीए के पूरे रिकॉर्ड में हिमाचल प्रदेश का एक भी छात्र रजिस्टर्ड नहीं था एकमात्र वह पहले छात्र थे जो रजिस्टर्ड हुए और पहले यूएवी पायलट बने। हम आपको बता दें यूएवी के अंतर्गत जो पायलट रजिस्टर्ड होते हैं उन्हें हर तरह के ड्रोन को उड़ाने में उन्हें मान्यता मिलती है। 
उन्होंने बताया कि बकायदा इस विषय पर पूरी जानकारी डीजीसीए को देनी पड़ती है। अक्षय मिश्रा ने बताया कि आमतौर पर हिमाचल में ड्रोन शादी विवाह या फिर किसी तरह छोटे-मोटे कमर्शियल कार्य से संबंधित लोग आगे आते हैं जबकि यह एक अपने आप में बहुत बड़ा प्रोफेशन है। लेकिन जानकारी और तकनीकी ज्ञान के अभाव में छात्र विशेषकर हिमाचल में लोग इस फील्ड में कम आते हैं।


अक्षय मिश्रा बना चुके हैं अपना अलग तरह का ड्रोन

अक्षय मिश्रा हिमाचल प्रदेश से पहले एफपीवी पायलट फर्स्ट पर्सन व्यू एक अलग तरह का  रेसिंग ड्रोन पहले ही तैयार कर चुके हैं। जिसमें दावा किया है कि इस तरह का कोई भी ड्रोन हिमाचल में अभी तक नहीं बना है। अक्षय मिश्रा द्वारा अलग-अलग ड्रोन के पार्ट्स लेकर कोडिंग का प्रयोग करके इसे बनाया गया है जिसे  गोगल के माध्यम से देखा और चलाया जा सकता है। अगर बात करें इस ड्रोन की जो अक्षय मिश्रा द्वारा बनाया गया है  यह ड्रोन 4 मोटर्स, 4 गति नियंत्रक, 1 फ्लाइट कंट्रोलर, 1 वायरलेस ट्यून कैमरा, इसमें लगा हुआ है यह ड्रोन वायु में घुमता हुआ ऊपर जाता है तथा 3 किमी के दायरे में स्थित 125 किमी/घंटा की गति को छू सकता है।

हिमाचल में कुछ अलग करना चाहते हैं अक्षय मिश्रा

अक्षय मिश्रा का कहना है कि वह हिमाचल में कुछ अलग करना चाहते हैं और छात्रों को विशेषकर युवाओं को इस तरह के प्रोफेशन से जोड़ना चाहते हैं । उनका कहना है कि अगर सरकार उनका सहयोग करे तो वह इस क्षेत्र में कुछ अलग पहचान हिमाचल प्रदेश की बनाना चाहते हैं। उनका कहना है कि वह अपनी सेवाएं सरकार को दे सकते हैं।

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