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आर्युवेदिक हॉस्पिटल पपरोला में अल्ट्रासाउंड न होने से गर्भवती महिलाओं को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना



बैजनाथ (रितेश सूद)
राजीव ग़ांधी आर्युवेदिक हॉस्पिटल पपरोला में अल्ट्रासाउंड मशीन होने के बाबजूद मरीजों के अल्ट्रासाउंड नही हो रहे हैं।जिस कारण खास कर गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हॉस्पिटल प्रशासन ने लगभग आठ माह पहले लाखों रुपए की मशीन को लिया था,जिसके बाद काफी समय तक यह मशीन बन्द कमरे में धूल फांकती रही। उसके बाद यहां पर एक डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई जो सप्ताह में एक से दो दिन यहां पर अपनी सेवाएं देते थे,परंतु पिछले डेढ़ माह से फिर यहां पर डॉक्टर नही आने के कारण मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। 
गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को सरकारी सुविधा न मिलने के कारण उन्हें निजी हॉस्पिटल या निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों का रुख करना पड़ रहा है,जिस कारण जहाँ एक तरफ उनकी समय की बर्बादी हो रही है तो वही दूसरी और महंगे दामों पर अल्ट्रासाउंड करवा कर उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।सरकार  हॉस्पिटल में लोगो को सब सुविधाएं देने की बात करती है,पर हकीकत में हॉस्पिटल में लोगो को सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है,गरीब लोगों को मंहगे दामों में निजी लैबों का रुख करना पड़ रहा है। वही लोगो का कहना है कि अगर अल्ट्रासाउंड चलाने के लिए हॉस्पिटल प्रशासन के पास डॉक्टर ही उपलब्ध नही था, तो लाखों रुपए खर्च कर अल्ट्रासाउंड मशीन की खरीदारी न करके उसकी जगह अन्य कोई मशीन लेनी चाहिए थी। जिससे यहां आने वाले मरीजों को सुविधाएं मिल सकती थी। 
इस बारे में हॉस्पिटल की चिकित्सा अधिक्षक डॉक्टर रश्मि भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने अल्ट्रासाउंड चलाने के लिए डॉक्टर की मांग सीएमओ धर्मशाला से की है,लेकिन अभी तक डॉक्टर उपलब्ध नही हो पाया है।

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