उंचाई वाले क्षेत्र टिकन में जड़ी बूटियों का भी होगा संरक्षण, धर्मपूर में रोपे जाएगें औषधीय पौधे।
जतिन लटावा ,जोगेंद्रनगर
वनमंडल जोगेंद्रनगर में पहली बार पौधा रोपण से पहले उनके संरक्षण के कार्य को पूरा करने के लिए विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने सफलता हासिल कर ली है। करीब 377 हैक्टेयर भूमि पर पौधे लगाने से पहले उनकी बाड़बंदी के कार्य को पूरा किया है। 15 जुलाई से वन मंडल जोगेंद्रनगर के 6 वन परिक्षेत्रों में शामिल लडभड़ोल, उरला, धर्मपूर, कमलाह व टिकन में हरियाली रोपने का कार्य शुरू होगा। चिन्हित कुल 577 हैक्टेयर भूमि पर तीन लाख 50 हजार पौधे जुलाई व अगस्त माह में लगाए जाएगें। इनमें ढाई लाख पौधे जायका प्रोजेक्ट के तहत लगाए जाएगें। पौधों के संरक्षण को लेकर समूचे वन मंडल में वन विभाग के कर्मचारी बीते एक माह से जुटे हुए थे और अब पौधों के संरक्षण के एडवांस कार्य को पूरा कर हरियाली रोपने के लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। करीब आठ लाख पौधे वन मंडल की नर्सरी में तैयार हैं।
धर्मपूर में रोपे जाएगें औषधीय पौधे।
वनमंडल जोगेंद्रनगर के अधीन आने वाले वन परिक्षेत्र धर्मपूर में इस बार औषधीय पौधे अधिक लगाने का निर्णय लिया गया है। यहां पर जानवरों के उत्पाद को देखते हुए आंवला, दाडू, हरड़, जामुन आदि के पौधे लगाए जाएगें। उरला वन परिक्षेत्र के टिकन में देवदार व वान के पौधों को अधिक त्वजो दी जाएगी। इसके अलावा फलदार व छायादार पौधों को भी अधिक से अधिक लगाने की योजना बनाई गई है। बड़ी बात यह है कि उंचाई वाले क्षेत्रों में पौधा रोपण के साथ दुर्लभ जड़ी बूटियों के संरक्षण पर भी कार्य होगा। वनमंडलाधिकारी राकेश कटोच ने बताया कि जून माह में पौधों के संरक्षण व बाड़बंदी के कार्य वन विभाग ने शुरू किया था। करीब 377 हैक्टेयर भूमि पर पौधे लगाने के लिए गड्ढे व अन्य कार्य पूरे कर लिए हैं। बताया कि 15 जुलाई से वन मंडल के 6 वन परिक्षेत्रों में एक साथ हरियाली रोपने का कार्य शुरू होगा। इसमें महिला व युवक मंडल के अलावा सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा।
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