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जोगेंद्रनगर अस्पताल में अब संदिग्ध मरीजों के शारीरिक तापमान की भी नहीं होती जांच

बिना मास्क उपचार के लिए पहुंच रहे हैं लोग, शारीरिक दूरी भी दरकिनार।

जतिन लटावा,  जोगेंद्रनगर
करीब सवा लाख आबादी के स्वास्थ्य पर निर्भर उपमंडलीय अस्पताल जोगेंद्रनगर में अब संदिग्ध मरीजों के शारीरिक तापमान की जांच भी नहीं होती है। अस्पताल में बिना मास्क उपचार के लिए पहुंच रहे लोग शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं करते हैं। अस्पताल की ओपीडी, पर्ची कक्ष के बाहर एक-एक मीटर की दूरी पर लगाए गए गोलों का नामोनिशान मिट चुका है। हैंड सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था सौ बिस्तारों वाले अस्पताल के मुख्य द्वार पर नहीं है। कोविड की चैथी संभावित लहर से निपटने के लिए न केवल अस्पताल प्रशासन बल्कि लोग भी लापरवाह बने हुए हैं। अस्पताल में रोजाना तेज बुखार के मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
 जिनके कोविड टैस्ट भी अब औपचारिक बन चुके हैं। प्रदेश में कोविड के मामलों की बढ़ोतरी के बाद भी अस्पताल प्रशासन हरकत में नहीं आया है। सप्ताह के पहले दिन जोगेंद्रनगर अस्पताल में तीन सौ से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंचे थे। सुबह साढ़े नौ बजे पहले पर्ची कक्ष के बाहर भीड़ का आलम देखा गया। साढ़े दस बजे के बाद अस्पताल की सामान्य ओपीडी में मरीज उपचार के लिए एक दूसरे के साथ सटे हुए नजर आए।

सरकारी कार्यालयों का भी बुरा हाल।

जोगेंद्रनगर उपमंडल के सरकारी कार्यालयों में भी कोविड की चैथी लहर से निपटने के प्रबंध धराशायी हो चुके हैं। मुख्य द्वार पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था अब गिने चुने संस्थानों में ही देखने को मिलती है। बिना मास्क कार्यालय में प्रवेश आम हो चुका है। जबकि शारीरिक तापमान की जांच अब नहीं होती। जोगेंद्रनगर पुलिस थाने के मुख्य द्वार पर हैंड सैनिटाईजेशन की व्यवस्था कर रखी है लेकिन इसका इस्तेमाल अधिकांश लोग नहीं करते हैं।

पहले उपमंडल में यह थी व्यवस्था।

जोगेंद्रनगर उपमंडल में कोविड के कहर से निपटने के लिए नो मास्क नो सर्विस को लागू किया गया था। सरकारी कार्यालयों के बाहर भी एक-एक मीटर की दूरी पर गोले देखने को मिलते थे। अस्पताल के मुख्य द्वार पर फलू ओपीडी में संदिग्ध मरीजों की जांच होती थी। यहां पर सुरक्षाकर्मी अस्पताल के मुख्य द्वार पर ही लोगों का शारीरिक तापमान जांचने के बाद ही अस्पताल में प्रवेश दिलाते थे लेकिन अब यह व्यवस्था लगभग ठप हो चुकी है। बता दें कि उपमंडल जोगेंद्रनगर में कोविड की पहली, दूसरी और तीसरी लहर में करीब पांच हजार लोग संक्रमित हुए थे। 76 लोगों की मौत का कारण कोविड रहा। इनमें 55 लोग जोगेंद्रनगर के ही थे। 
कुछ 76 लोगों को जोगेंद्रनगर प्रशासन ने कोविड से मिलने वाली आर्थिक राहत दिलाई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ देवेंद्र ने बताया कि मंडी जिला के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को कोविड की चैथी संभावित लहर पर अलर्ट किया गया है। एसडीएम जोगेंद्रनगर डाॅ मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि वह जिला प्रशासन के आदेशों के अनुसार ही आगामी कार्रवाई अमल में लाएगें।

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