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लाल बुरांश और ब्रह्मी की पौधशाला का किया निरीक्षण

चंबा,रिपोर्ट

प्रधान सचिव (वन) ओंकार चंद शर्मा ने गत दिन (शनिवार) वन मण्डल डलहौजी के भटियात वन परिक्षेत्र में तितली संग्रहालय का दौरा किया। प्रधान सचिव ने वन मण्डल डलहौजी के अधिकारियों को विभाग की इस नवाचार पहल की तारीफ करते हुए ऐसे कार्यों को और बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया ।


उन्होंने विभाग द्वारा टैक्सस बकाटा ( ब्रह्मी) और रोडोडेड्रोन (लाल बुरांश) की कटिंग के माध्यम से तैयार की गई पौधशाला का निरीक्षण भी किया ।
उन्होंने कहा कि ये दोनों वन प्रजातियां इस क्षेत्र में बहुतियात रूप में पाई जाती हैं। उन्होंने इन प्रजातियों के अंतर्गत आने वाले प्राकृतिक क्षेत्र को संरक्षित करने और वृक्षारोपण क्षेत्र में प्रजातियों के अधिक से अधिक पौधे लगाने के निर्देश भी दिए ।
उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न स्थानों में जल स्त्रोत की तलाश करें, जिनमें से पानी का बहाव समय के साथ कम हुआ है, ऐसे क्षेत्र में स्प्रिंग शेड प्रबंधन का कार्य करें, इस कार्य से लोगों को समय के साथ पानी की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह सभी कार्य लोगों के जन सहयोग के साथ करें, जिससे लोगों की सहभागिता भी बढ़ेगी और संसाधनों का भी सतत प्रबंधन होगा।


वन मंडल अधिकारी रजनीश महाजन ने प्रधान सचिव को संग्रहालय की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि भटियात में तितलियों की लगभग 120 प्रजातियाँ उपलब्ध हैं, जिनमें से 57 प्रजातियों को उनके चित्रों के माध्यम से तितली संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है, जिसमें तितली की एक अति दुर्लभ प्रजाति डेनिड इकोफ्लाई भी है, जो वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1927 की अनुसूची-1की प्रजाति में शामिल है। इसके अतिरिक्त वन मण्डल अधिकारी, डलहौजी रजनीश महाजन ने बताया की क्षेत्र में तितलियों का पार्क विकसित करने के लिए प्रक्रिया को शुरू किया गया है। यह न केवल प्रदर्शन स्थल होगा बल्कि क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को भी बढ़ाएगा।


इससे पहले रघु राम मानव, डीएफओ मुख्यालय, वन वृत्त चंबा ने प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा का स्वागत किया ।
इस अवसर पर आरओ भटियात संजीव कुमार,
तितली विशेषज्ञ लविश गरलानी एवं विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।


प्रधान सचिव (वन) ओंकार चंद शर्मा ने गत दिन (शनिवार) वन मण्डल डलहौजी के भटियात वन परिक्षेत्र में तितली संग्रहालय का दौरा किया।
प्रधान सचिव ने वन मण्डल डलहौजी के अधिकारियों को विभाग की इस नवाचार पहल की तारीफ करते हुए ऐसे कार्यों को और बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया ।
उन्होंने विभाग द्वारा टैक्सस बकाटा ( ब्रह्मी) और रोडोडेड्रोन (लाल बुरांश) की कटिंग के माध्यम से तैयार की गई पौधशाला का निरीक्षण भी किया ।
उन्होंने कहा कि ये दोनों वन प्रजातियां इस क्षेत्र में बहुतियात रूप में पाई जाती हैं। उन्होंने इन प्रजातियों के अंतर्गत आने वाले प्राकृतिक क्षेत्र को संरक्षित करने और वृक्षारोपण क्षेत्र में प्रजातियों के अधिक से अधिक पौधे लगाने के निर्देश भी दिए ।


उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न स्थानों में जल स्त्रोत की तलाश करें, जिनमें से पानी का बहाव समय के साथ कम हुआ है, ऐसे क्षेत्र में स्प्रिंग शेड प्रबंधन का कार्य करें, इस कार्य से लोगों को समय के साथ पानी की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह सभी कार्य लोगों के जन सहयोग के साथ करें, जिससे लोगों की सहभागिता भी बढ़ेगी और संसाधनों का भी सतत प्रबंधन होगा।
वन मंडल अधिकारी रजनीश महाजन ने प्रधान सचिव को संग्रहालय की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि भटियात में तितलियों की लगभग 120 प्रजातियाँ उपलब्ध हैं, जिनमें से 57 प्रजातियों को उनके चित्रों के माध्यम से तितली संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है, जिसमें तितली की एक अति दुर्लभ प्रजाति डेनिड इकोफ्लाई भी है, जो वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1927 की अनुसूची-1की प्रजाति में शामिल है। इसके अतिरिक्त वन मण्डल अधिकारी, डलहौजी रजनीश महाजन ने बताया की क्षेत्र में तितलियों का पार्क विकसित करने के लिए प्रक्रिया को शुरू किया गया है। यह न केवल प्रदर्शन स्थल होगा बल्कि क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को भी बढ़ाएगा।
इससे पहले रघु राम मानव, डीएफओ मुख्यालय, वन वृत्त चंबा ने प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा का स्वागत किया ।
इस अवसर पर आरओ भटियात संजीव कुमार,
तितली विशेषज्ञ लविश गरलानी एवं विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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