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हिमानी चामुंडा के लिए प्रस्तावित रोपवे का काम एक बार फिर लटक गया

                                        हिमानी चामुंडा रोपवे का लटका काम, कंपनी ने खींचे हाथ

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

हिमानी चामुंडा के लिए प्रस्तावित रोपवे का काम एक बार फिर लटक गया है। इस परियोजना पर काम कर रही निजी कंपनी ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। पिछले आठ साल से इस रोपवे की लागत बढ़ गई है। ऐसे में अब कंपनी की ओर से भी इस परियोजना को लेकर खास दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे में अब संंबंधित विभाग की ओर से कंपनी के साथ अंतिम निपटारा कर नए सिरे से टेंडर प्रकिया करने को लेकर चर्चा की जा रही है।

जानकारी के अनुसार करीब एक दशक पहले करीब 300 करोड़ की प्रस्तावित परियोजना का साल 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिलान्यास किया था, लेकिन रोपवे योजना का कार्य छह सालों तक कभी एफसीए की क्लीयरेंस तो कभी सरकार की मंजूरी के फेर, तो कभी मंदिर न्यास के अड़ियल रवैये के कारण लटका रहा। हालांकि साल 2020 में इस परियोजना को लेकर एफसीए का रास्ता साफ हुआ। इसके बाद जब रोपवे निर्माण कंपनी ने पोल स्थापित करने को लेकर काम शुरू करना चाहा तो रोपवे को प्रस्तावित मैप निजी भूमि के पेंच में फंस गया। इसके बाद कोविड के चलते इस परियोजना पर कार्य शुरू नहीं हो सका।

साथ ही रोपवे निर्माण कंपनी ने भी इस परियोजना को लेकर अपनी रूचि नहीं दिखाई। प्रदेश सरकार ने परियोजना में देरी होने के कारण रोपवे निर्माण कंपनी को नोटिस जारी किया, लेकिन रोपवे निर्माण कंपनी ने इस परियोजना पर कार्य को छोड़ना ही उचित समझा। ऐसे में अब पर्यटन विभाग की ओर से कंपनी के साथ अंतिम निपटारा कर नए सिरे से परियोजना पर काम करने की चर्चा की जा रही है।करीब 300 करोड़ की लागत से बनने वाले इस रोपवे का निर्माण श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम से हिमानी चामुंडा तक प्रस्तावित है। हिमानी चामुंडा जाने के लिए 14 घंटे का पैदल सफर 18 मिनट में तय होना है। इसके निर्माण के बाद 14 किलोमीटर की दुर्गम तीखी चढ़ाई छह किलोमीटर तक ही रह जाएगी।हिमानी चामुंडा रोपवे को लेकर विभाग परियोजना पर कार्य कर रही निजी कंपनी के साथ अंतिम निपटारा करने पर चर्चा कर रहा है। परियोजना में देरी होने पर प्रदेश सरकार ने संबंधित कंपनी को नोटिस जारी किया था। इसके बदले में कंपनी ने इस परियोजना से पीछे हटना ही सही समझा। अब कंपनी के साथ अंतिम निपटारा कर नए सिरे से टेंडर किए जाएंगे।





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