सीएम के कुशल प्रबंधन में राहत और पुनर्वास कार्यों में दिखाई तत्परता
धर्मशाला,रिपोर्ट नेहा धीमान
पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने कहा कि हिमाचल प्राकृतिक आपदा से जल्द उभरेगा और पर्यटन क्षेत्र फिर से तेज गति के साथ आगे बढ़ेगा। वीरवार को मिनी सचिवालय में पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु के नेतृत्व में आपदा से निपटने के लिए तत्परता के साथ कार्य कर रही है। इस के लिए वर्ल्ड बैंक से लेकर नीति आयोग भी राज्य सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री के आपदा से निपटने के कुशल प्रबंधन की सराहना कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलाधीशों को राहत एवं पुनर्वास के कार्यों में तत्परता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं इस के लिए नियमित तौर पर मॉनिटिरिंग भी सुनिश्चित की जा रही है ताकि हिमाचल के आम जनमानस को किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।
पर्यटन निगम के अध्यक्ष ने कहा कि बरसात के दौरान राज्य की पहाड़ियों के दरकने और भूस्खलन के कारण कई मकान ढह रहे हैं इसके साथ ही सड़कों पर भी मलबा एकत्रित हो जाता है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों के दरकने को लेकर वैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी ताकि भविष्य में भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील जगहों पर मकान इत्यादि नहीं बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा सके।पर्यटन निगम के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने ब्यास नदी बेसिन और उसकी सहायक नदियों में स्टोन क्रशर के प्रयोग को तुरंत प्रभाव से बंद करने का
निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान मौजूदा परिस्थितियों और कांगड़ा जिले में चक्की नदी सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में ब्यास और इसकी सहायक नदियों में पारिस्थितिकी के खतरनाक परिवर्तन को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के अनुसार अगले आदेश तक बारहमासी और गैर-बारहमासी दोनों नालों के सभी स्टोन क्रशर के संचालन को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत राज्य की नाजुक पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करने, बस्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, वैध खनन के लिए को रद्द नहीं किया गया है।पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने कहा कि कांगड़ा जिला के लोगों की समस्याओं के निदान के लिए माह में एक बार मिनी सचिवालय में उपस्थित रहेंगे ताकि जन समस्याओं का त्वरित हल सुनिश्चित किया जा सके और कांगड़ा जिला के विकास को नई गति प्रदान की जा सके।
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