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प्राकृतिक आपदाग्रस्त क्षेत्र में भूमि सरंक्षण,चारा उत्पादन एवं पशुपालन पर परामर्श एवं प्रशिक्षण आयोजित

 पशु चिकित्सा महाविद्यालय के ही सहायक प्राध्यापक डॉ.  प्रशांत दौंडकर ने विभिन्न पशु रोगों एवं उनके इलाज के बारे में कृषकों को जानकारी दी 

पालमपुर,रिपोर्ट प्रवीण शर्मा 

भा.कृ.अनु.प.-भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (आई.जी.ऍफ़.आर.आई. ), हिमाचल चरागाह भूमि -पालमपुर द्वारा मंडी जिला की नेर घरवासड़ा ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति  उपयोजना के तहत प्राकृतिक आपदाग्रस्त क्षेत्र में भूमि सरंक्षण,चारा उत्पादन  एवं  पशुपालन  पर  परामर्श एवं प्रशिक्षण आयोजित   किया  गया । 

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिमाचल के प्राकृतिक आपदा ग्रस्त किसानों के प्रभावित चरागाहों का पुनर्निर्माण कर भूमि सरंक्षण के साथ साथ आपदा ग्रस्त इलाकों में पौष्टिक चारे की उपलब्धता को सुनिश्चित करना था। इस कार्यक्रम में आई.जी.ऍफ़. आर.आई-पालमपुर  के वैज्ञानिकों के अलावा पशु चिकित्सा महाविद्यालय से आये प्राध्यापकों ने भी कृषकों से संवाद कर उनकी समस्याओं के निदान के लिए परामर्श प्रस्तुत किये । आई.जी.ऍफ़.आर.आई , हिमाचल चरागाह भूमि -पालमपुर के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुदेश राडोत्रा ने हिमाचल में प्राकृतिक आपदा में बर्बाद हुए चरागाहों के संरक्षण,  संवर्धन एवं महत्त्व पर प्रकाश डाला । उन्होंने किसानों को आपदा में नष्ट हुए चरागाहों के पुनरुथान हेतु सेटेरिआ,पासपेलम, ब्रिकेरिया एवं हाइब्रिड नेपियर जैसी घासें लगाने का परामर्श दिया ।

 उन्होंने आश्वासन दिया कि संस्थान आपदा कि इस घड़ी में हिमाचल के किसानों को पौष्टिक चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव सहायता करेगा । इसी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुरिन्द्र पॉल ने ने अपने व्याख्यान में किसानों को संस्थान में उपलब्ध चारे की उच्च गुणवत्ता एवं उच्च उपजी किस्मों को उगाने का परामर्श दिया, जिस से किसान वर्ष भर पशुओं के लिए अच्छा चारा पा सकते हैं । पशु चिकित्सा महाविद्यालय पालमपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ.  संजय कुमार ने पशुओं के विभिन्न उत्पादों एवं उनकी मात्रा एवं गुणवत्ता को बनाये रखने सम्बन्धी विषय पर किसानों को अनेक परामर्श दिये । पशु चिकित्सा महाविद्यालय के ही सहायक प्राध्यापक डॉ.  प्रशांत दौंडकर ने विभिन्न पशु रोगों एवं उनके इलाज के बारे में कृषकों को जानकारी दी । इस परामर्श   कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने बड़े उत्साह से वैज्ञानिकों के साथ वार्तालाप करते हुए अपनी समस्याओं से सम्बंधित अनेक प्रश्न किये और बड़े ध्यानपूर्वक से वैज्ञानिकों द्वारा सुझाये समाधानों को सुना। इस मौके पर ग्राम पंचायत नेर घरवासड़ा की प्रधान श्रीमती रीना देवी ,पंचायत सचिव राजकुमार, वार्ड पंचों सहित सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने आई.जी.ऍफ़.आर.आई , हिमाचल चरागाह भूमि -पालमपुर की वैज्ञानिक टीम का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा की प्राकृतिक आपदा ग्रस्त क्षेत्र के  किसानों के प्रभावित चरागाहों का पुनर्निर्माण, भूमि सरंक्षण के साथ साथ आपदा ग्रस्त इलाकों में पौष्टिक चारे की उपलब्धता को सुनिश्चित करने में संस्थान वैज्ञानिकों के प्रयास एवं सुझाव  प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय हैं तथा इस से निश्चित रूप से इलाके के आपदा ग्रस्त किसानों को बड़ी राहत मिलेगी । कार्यक्रम में उपस्थित  200 अनुसूचित जाति से सम्बंधित कृषकों में पशु पोषण राशन, मिनरल मिक्सचर, यूरिया मोलासेस ब्लॉक, यूरिया मोलासेस ब्लॉक एवं  बोलस के साथ साथ उच्च उपजी एवं पौष्टिकबारहमासी  घासों की जड़ें भी बांटी गयी ।




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