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जिला काँगड़ा के जसूर से रानीताल तक तीन माह से रेल सेवा ठप

                              रानीताल से जसूर तक करीब 60 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक सुरक्षित और सही है

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

चक्की खड्ड में पिछले वर्ष रेलवे पुल के बहने से कांगड़ा घाटी रेल जसूर से ही चल रही थी लेकिन बरसात में कांगड़ा के पास रेलवे ट्रैक धंस जाने से पिछले तीन माह से ज्यादा समय से कांगड़ा घाटी रेल सेवा ठप पड़ी है। रानीताल से जसूर तक करीब 60 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक सुरक्षित और सही है। यहां पर स्थित गुलेर, नगरोटा सूरियां, हरसर, जवाली, भरमाड़ आदि जनपदों के यात्री इस रेल सेवा का लाभ उठाते हैं।

इसका एक प्रमुख कारण रेल सेवा सस्ती होना है। जसूर से रानीताल और नगरोटा सूरियां तक का रेल भाड़ा मात्र 40 रुपये से कम रहता है। वहीं, बस में यह तीन से चार गुना अधिक लगता है, जिसके चलते इस जनपद के अधिकांश लोग रेल यात्रा को ही प्राथमिकता देते हैं। नवरात्र में यूपी और राजस्थान के अधिकतर श्रद्धालु कांगड़ा में बज्रेश्वरी, चामुंडा और ज्वालाजी के दर्शनों को पहुंचते हैं। इससे रेलवे को भारी आमदनी होती है, लेकिन रेल यात्रा के बंद होने से एक तरफ रेल विभाग को जहां प्रतिदिन लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है वहीं, इस ट्रैक के रेलवे स्टेशनों पर ठेला या अन्य सामान बेचने बालों की आजीविका भी रेल यातायात के ठप होने से बंद हो गई है। जसूर व्यापार मंडल के प्रधान राजू महाजन, वेलफेयर कमेटी जसूर के पदाधिकारियों, पूर्व सैनिक संघ के पदाधिकारी जसवंत पठानिया, कुलजीत पठानिया सहति सुभाष शर्मा ने सांसद किशन कपूर और कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार से मांग की है कि वे रेलवे विभाग से इस ट्रैक पर रेल सेवा बहाल करने का मामला उठाएं जिससे जसूर से लेकर रानीताल तक के 40 कस्बों के लोगों को इसका लाभ मिल सके।





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