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कांगड़ा घाटी की लाइफलाइन पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल सेवा पांच माह से बंद है

                                                    रेल सेवा बंद, पटरी पर नहीं लौट रही जिंदगी

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

कांगड़ा घाटी की लाइफलाइन पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल सेवा पांच माह से बंद है। इसके लिए अब अगले साल का ही इंतजार करना पड़ेगा। रेलवे पटरी को दुरुस्त करने की प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है। पठानकोट-जोगिंदरनगर रेलमार्ग पर चक्की खड्ड पर बने पुल के गिर जाने के बाद दो रेलगाड़ियां नूरपुर रोड से बैजनाथ तक आवाजाही कर रही थीं लेकिन बीती आठ जुलाई 2023 को भारी वर्षा से गुलेर व लुनसु के बीच पहाड़ी खिसकने से वह भी बंद हो गई हैं। हालांकि बरसात के बाद दोनों रेलगाड़ियां बहाल होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन 18 जुलाई को कोपडलाहड़ सुरंग के पास रेल लाइन के नीचे की मिट्टी बह जाने से यह उम्मीद भी समाप्त हो गई।


 
उधर स्थानीय निवासी संजय कुमार, प्रवीण, केशव सिंह, बुद्धिचंद, प्रीतम, रमेश कुमार, अश्विनी गुलेरिया, मस्तराम शर्मा, कबीर चंद आदि का कहना है कि जिस तरह धीमी गति से मरम्मत कार्य चल रहा है इससे तो कई माह मरम्मत में ही लग जाएंगे। रेल विभाग से मांग की है कि क्षतिग्रस्त रेल ट्रैक की शीघ्र मरम्मत कर रेलगाड़ियां बहाल की जाएं।रेलगाड़ियों के बंद होने से विशेष रूप से लुनसु, त्रिप्पल, कोपडलाहड़ आदि कई गांवों के लोग छह से आठ किमी पैदल चलकर बस की सुविधा के लिए मजबूर हो गए हैं। रेल सेवा को ही लोग पहले माध्यम के रूप से ही जिला मुख्यालय, बड़े अस्पतालों और सरकारी दफ्तरों तक पहुंचने में उपयोग करते हैं।स्थानीय निवासी जंग लंगी पटरी के बाद अब विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के बाद सवालिया निशान लगाना शुरू हो गए हैं। स्थानीय लोगों में दिनेश, रघुवीर, अश्विनी गुलेरिया, केवल कुमार का कहना है कि लुनसु, धार, ठम्बा, टिल्ला, त्रिप्पल, बासा, मेहवा गांवों के लिए बस सुविधा नहीं होने के कारण एक मात्र रेल ही यातायात की सुविधा है। रेलवे विभाग बरसात में रेल लाइन की क्षति के बहाने लाखों रुपये सरकारी खजाने से मरम्मत के नाम पर लेता है, लेकिन हर बरसात में गुलेर और कोपडलाहड़ के बीच ही रेल लाइन क्षतिग्रस्त होती है जबकि बरसात समाप्त होते ही रेल विभाग को गुलेर से कोपडलाहड़ के बीच बरसाती पानी की निकासी के लिए स्थायी प्रबंध करने चाहिए। उधर रेलगाड़ियां बंद होने से रेल ट्रैक को भी जंग लगना शुरू हो गया है।

मंडल रेलवे प्रबंधक फिरोजपुर के कार्यालय व संबंधित अधिकारियों से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाए और न ही व्हाट्सएप का उत्तर दिया। हालांकि मंडल रेलवे प्रबंधक फिरोजपुर संजय साहू ने बताया था कि रेल ट्रैक को जल्द ठीक करने के आदेश दे दिए हैं। जबकि चक्की खड्ड पुल का निर्माण भी जोरों पर चल रहा है और अप्रैल या मई 2024 में पठानकोट से जोगिंदरनगर तक सभी रेलगाड़ियां बहाल करने का लक्ष्य है।




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