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अपनी चल और अचल संपत्ति बताने पर ही मिलेगी पदोन्नति

                                                 एचएएस और सचिवालय सेवा अफसरों को कड़े निर्देश

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

 हिमाचल प्रदेश के एचएएस और सचिवालय सेवाएं अधिकारियों ने अपनी चल और अचल संपत्ति नहीं बताई तो उन्हें पदोन्नति नहीं मिलेगी। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने इस बारे में कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्हें चल और अचल संपत्ति का यह ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर साझा करना होगा। 

संपत्ति का यह ब्योरा देने के लिए सरकार ने इन दोनों श्रेणियों के अधिकारियों के लिए 31 मार्च अंतिम तिथि रखी है। अगर उससे पहले यह विवरण नहीं दिया तो यह पोर्टल बंद हो जाएगा। सीसीएस कंडक्ट रूल्स 1964 के नियम 18 के तहत अधिकारियों को हर साल अपनी ताजा संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा देना होता है।प्रधान सचिव कार्मिक अमनदीप गर्ग ने इस बारे में सभी एचएएस और हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं अधिकारियों (एचपीएसएस) को निर्देश जारी किए हैं कि वे यह ब्योरा पोर्टल पर दें।

 इसमें यह भी साफ किया गया है कि नो चेंज या नो एडिशन या ऐज इन प्रीवियस ईयर जैसे शब्दों को न लिखा जाए और सारे कॉलम ठीक से भरे जाएं। इसमें यह भी चिंता जताई गई है कि कई अधिकारियों ने अपनी नियुक्ति, इंडक्शन और पदोन्नति के बाद आज दिन तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। दरअसल, पदोन्नति का आवेदन भी ऑनलाइन तरीके से ही किया जाएगा। यह तब तक नहीं हो पाएगा, जब तक एसीआर तैयार न हो। एसीआर तभी भरी जाएगी, जब संपत्ति का विवरण दिया गया होगा।

एचएएस और सचिवालय सेवाएं अधिकारियों को हर साल अचल संपत्ति का ब्योरा देना होता है, जबकि चल संपत्ति का विवरण हर पांच वर्ष बाद देना होता है। या फिर पहली नियुक्ति के दौरान सारा विवरण देना होता है।हर साल की तरह आईएएस अधिकारी भी 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का ब्योरा देंगे। इस बारे में भारत सरकार के सभी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की अपर सचिव दीप्ति उमाशंकर ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को एक पत्र भेजा है। इसे भी ऑनलाइन मॉड्यूल पर देने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें भी साफ किया गया है कि अगर इसे 31 जनवरी से पहले साझा नहीं किया गया तो संबंधित पोर्टल बंद हो जाएगा।


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