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बारिश-बर्फबारी न होने से जिले की पेयजल योजनाएं भी प्रभावित होने लगी हैं

                                       सूखने लगे पेयजल स्रोत, लोअर खराहल में तीसरे दिन सप्लाई

कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट 

बारिश-बर्फबारी न होने से जिले की पेयजल योजनाएं भी प्रभावित होने लगी हैं। खराहल घाटी के निचले क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति करने वाली योजना में पानी कम होने से सप्लाई बाधित होने लगी है।लोअर खराहल में अब हर रोज की जगह तीसरे दिन पानी की आपूर्ति की जा रही है। क्षेत्र के लोगों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण 1,500 से 2,000 रुपये खर्च कर पानी का टैंकर मंगवाने पर मजबूर हो रहे हैं। इससे पहले जल शक्ति विभाग की ओर से यहां पर हर दिन पानी की आपूर्ति की जाती थी।

सूखे जैसे हालातों के चलते पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है। इस कारण यहां पर तीसरे दिन ही पानी की सप्लाई दी जा रही है। लोअर खराहल के गांव चौकी, डोभी, देउडोभी, चंझड़ आदि गांवों में प्राकृतिक जलस्रोत भी नहीं हैं। मजबूरी में यहां के लोगों के लिए टैंकर सहारा बने हैं।टैंकर पर लोगों को 1,500 से 2,000 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। पशुओं को पिलाने और घरेलू कामकाज के लिए लोगाें को मुश्किल हो रही है। ऐसे में ग्रामीणों ने जल शक्ति विभाग से मांग की है कि पेयजल की समस्या का जल्द समाधान किया जाए।

क्षेत्र में अब तीसरे दिन पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। लोग पानी का भंडारण तो कर रहे हैं लेकिन कई लोग जरूरत पूरा करने के लिए टैंकर भी मंगवा रहे हैं। जल शक्ति विभाग को पेयजल आपूर्ति पूरा करने के प्रयास करने चाहिए।सूखे जैसे हालातों के चलते पेयजल योजना में पानी कम हुआ है। खराहल घाटी के निचले क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। यहां पर विकल्प तलाश कर पानी की समस्या का समाधान किया जाएगा।लोअर खराहल के लिए पानी को टापू में शनि मंदिर के पास से लिफ्ट किया जाता है। यहां से पानी को लिफ्ट कर पूईद टैंक में स्टोर किया जाता है। पूईद से पानी की आपूर्ति लोअर खराहल के लिए होती है।



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