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जिला चम्बा में काटे गए देवदार के पेड़ों की कीमत वन रक्षक से वसूल करेगा विभाग

              वन रक्षक को 65 से 70 देवदार के स्लीपरों की कीमत का विभाग को करना पड़ेगा भुगतान

चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट 

 देवदार के पेड़ों के अवैध कटान मामले में अब विभाग वन रक्षक से लाखों रुपये की रिकवरी करेगा। विभाग ने वन रक्षक को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर कटे हुए पेड़ों की लकड़ी बरामद करने के लिए नोटिस जारी किया है। यदि वन रक्षक लकड़ी को बरामद नहीं कर पाया तो उसे अपनी जेब से इसकी कीमत भरनी पड़ेगी। बताया जा रहा है कि इस लकड़ी की कीमत लाखों रुपये में है। वन रक्षक के वेतन पर विभाग पहले ही रोक लगा चुका है।

जिले के डियुर जंगल में वन रक्षक की लापरवाही के कारण देवदार के हरे-भरे दो पेड़ों का अवैध कटान हुआ था। विभाग ने वन रक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। साथ ही काटे गए पेड़ों की लकड़ी बरामद करने के निर्देश दिए थे। वन रक्षक मात्र 40 स्लीपर ही बरामद कर पाया। काटे गए पेड़ों के अनुसार अभी तक 65 से 70 स्लीपर और भी बरामद होने हैं। यदि वन रक्षक इन स्लीपरों को बरामद नहीं कर पाया तो उसे अपनी जेब से इनकी कीमत भरनी होगी। इसकी कीमत विभाग वन रक्षक को दी गई समयावधि पूर्ण होने के बाद तय करेगा। फिलहाल, वन रक्षक को पेड़ों की लकड़ी बरामद करने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है।

डियुर जंगल की रखवाली करने वाला वन रक्षक ड्यूटी से नदारद था। पीछे से वन काटुओं ने देवदार के पेड़ाें का अवैध कटान कर दिया। जब विभागीय अधिकारी के पास शिकायत पहुंची तो उन्होंने जंगल में इसकी जांच करवाई। वन रक्षक ड्यूटी में नदारद मिला। जंगल में देवदार के दो हरे-भरे पेड़ों के ठूंठ बरामद हुए। हैरानी की बात है कि पेड़ों के अवैध कटान को लेकर वन रक्षक ने पुलिस में एफआईआर तक नहीं करवाई थी। इसमें कही न कहीं उसकी ड्यूटी के प्रति लापरवाही नजर आई। अब विभाग ने मामले में गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।वन मंडल अधिकारी चुराह सुशील कुमार गुलेरिया ने बताया कि वन रक्षक यदि कटे हुए देवदार के पेड़ों की लकड़ी बरामद नहीं कर पाया तो विभाग उससे लकड़ी की कीमत रिकवर करेगा। इसके लिए वन रक्षक को नोटिस देकर 15 दिनों का समय दिया गया है। उसके वेतन पर भी रोक लगा दी गई है।




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