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सेब की फ्लावरिंग में मौसम का बदलाव में चिंतित बागवान

                                    जब सेब फूलने लगे, मौसम बदल गया, बागवान चिंतित

मंडी , ब्यूरो रिपोर्ट 


सेब की पिंक बड स्टेज से ठीक पहले, मौसम बदलते ही क्षेत्र में सेब बागवानों का क्रेज बढ़ा है। गर्मी की आहट के बाद अचानक शुरू हुई ठंड ने सेब फ्लावरिंग को खतरा बना दिया है। 


इस दौरान मौसम के साथ नहीं देने पर सेब की फ्लावरिंग प्रभावित हो सकती है। यदि मौसम यही रहता तो सेब के पेड़ों पर फूल नहीं खिलेंगे। बागवान मौसम की कमजोरी से चिंतित हैं। उधर, लोअर बेल्ट में सेब बगीचों में ग्रीन टिप आने के बाद पिंक बड स्टेज तैयार है, लेकिन देवता खुश नहीं हैं। 


अब सेब बागवानों ने बगीचों में नेट लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन ठंड कम होने पर सेब फ्लावरिंग खराब हो सकती है। सेब बागवानों चंद्रमणी, सुरेश, लाभ सिंह, मोहर सिंह, तेज सिंह, हेम सिंह, ब्रिज लाल, यशवंत, डोले राम, यादविंदर कुमार, भोला राम, नेत्र, प्रेम सिंह और अजय ठाकुर का कहना है कि आजकल पिंक बड स्टेज शुरू होने वाला है और मौसम बदलने का नाम नहीं ले रहा है। 


इससे वे चिंतित होने लगे हैं। डॉ. एसपी भारद्वाज, एक बागवानी विशेषज्ञ, ने कहा कि सेब फूलने में मौसम की कमी चिंता का विषय है। उनका कहना था कि अभी समय है, और अगर मौसम साथ देता है तो अच्छी फ्लावरिंग हो सकती है। 35 लाख सेब पेटी मंडी जिले में बनाई जाती हैं। मंडी जिले का सेब सबसे पहले मंडियों में आता है। यहां बागवानों के बगीचों में रॉयल, रेड गोल्ड, रेड चीफ, गाला, समर क्वीन, रेड गोल्ड और टाइड मैन सहित अन्य वैरायटियों की खेती की जाती है। करसोग, चुराग, चरखडी, रोहांडा, शकोहर, बाढु, कुटाहची, सरोआ, जबाल, फंग्यार, सलाहर, कांढां, बगस्याड, थुनाग, जंजैहली और छतरी जिले में सेब का उत्पादन होता है।




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