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स्वाद लाजवाब, रसीला भी है चंबा का रेड और स्टार किंग सेब

                                                         बाहरी राज्यों की मंडियों में भी है भारी मांग

चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट 

जिला चंबा का रेड और स्टार किंग सेब स्वादिष्ट होने के साथ काफी रसीला भी होता है। इतना ही नहीं, बाहरी राज्यों की मंडियों में इस वैरायटी के सेब की काफी मांग है।जिला चंबा की बात की जाए तो भरमौर, होली, पांगी और तीसा परिक्षेत्र में बागवान अन्य प्रजातियों की अपेक्षा अब रेड और स्टार किंग सेब की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं। छह माह में इन प्रजातियों का सेब मंडियों में बेचने के लिए तैयार हो जाता है।


 
इतना ही नहीं, खास बात यह है कि इस वैरायटी के सेब को ज्यादा चिलिंग ऑवर्स की जरूरत नहीं होती है। इसका आकार भी काफी बड़ा होता हैं। सेब की पैदावार के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और मधुमिक्खयों के परागण होने से बेहतर सेब की पैदावार होती है। बागवानों में राकेश कुमार, रमन, चमन लाल, चैन सिंह, मदन लाल और किशोरी लाल ने बताया कि बीते कुछ वर्षों से बाहरी मंडियों में रेड और स्टार किंग सेब की अच्छी खासी मांग आ रही है। यही वजह है कि उन्होंने अपने बगीचों में रेड और स्टार किंग सेब के पौधे लगाए हैं। 

बताया उनके गांवों में अधिक से अधिक बागवान सेब की विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों से अच्छी फसल होने पर अच्छी कमाई तक कर रहे हैं।उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रमोद शाह का कहना है कि 800 से 1200 घंटे के चिलिंग ऑवर्स रेड और स्टार किंग वैरायटी के सेब के लिए पर्याप्त होते हैं। कहा कि यह सेब चंबा की सबसे महत्वपूर्ण शीतोष्ण फसल है। बताया कि वर्तमान समय में बागवान खासकर रेड और स्टार किंग सेब की पौध रोपित कर आगामी समय में अच्छी कमाई का कार्य कर रहे हैं।




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