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हरा मटर भी स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित नहीं

                                            खाएं तो क्या? अब हरा मटर भी स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं

सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट 

सोलन जिले में खाद्य पदार्थों के बाद अब हरा मटर भी स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित नहीं निकला है। लेड की काफी अधिक मात्रा पाई गई है। बाहरी राज्यों से सब्जी दुकानों में मटर की खेप आई थी।

इस खेप में से विभाग ने मटर के सैंपल लिए और जांच के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण(एफएसएसएआई) से मान्यता प्राप्त पंचकूला लैब में भेजे थे। इसी के साथ आडू, नाशपाती, शिमला मिर्च समेत अन्य सैंपल भी विभागीय टीम ने भरे थे। इनमें से हाल ही में आई रिपोर्ट में मटर के सैंपल फेल होने का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि लेड का सेवन करने से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है।


हालांकि अभी यह सैंपल सर्विलांस के आधार पर भरे गए थे। अब मटर का सैंपल फेल होने पर विभाग लीगल सैंपल भरेगा। इसे आगामी दिनों में जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद मटर में लेड की मात्रा की जांच करवाई जाएगी। सैंपल असुरक्षित होने पर विभाग लीगल सैंपल की रिपोर्ट आने पर कार्रवाई करेगा।गौर रहे कि त्योहारों के बीच लगातार जिले में सैंपल असुरक्षित आ रहे हैं। पहले सोयाबीन और सरसों तेल के तेल के सैंपल असुरक्षित निकले। इसके बाद सेहत सुधारने वाला एप्पल साइडर विनेगर का सैंपल भी असुरक्षित पाया गया है।


सैंपलों के फेल होने के बाद लोगों को स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है। वहीं, ब्लेक ग्रेप्स जैम और कीवी ड्रिंक का सैंपल भी मिस-ब्रांडेड आ चुका है। बता दें कि बीते दिनों विभाग की ओर से फल और सब्जियों में कीटनाशक और अन्य चीजों की जांच के लिए सैंपल भरे गए थे।मटर का सैंपल असुरक्षित आया है। विभाग की ओर से आगामी दिनों में मटर का लीगल सैंपल भरा जाएगा। इसके बाद जांच के लिए बाहरी राज्यों में भेजा जाएगा। 




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