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पठानकोट-मंडी फोरलेन के विकास की रफ्तार में कूहलों के पानी का बहाव गया थम

                                                      फोरलेन के विकास ने रोका कूहलों का पानी

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

पठानकोट-मंडी फोरलेन के विकास की रफ्तार में कूहलों के पानी का बहाव थम गया है। कूहलों के टूटने और क्षतिग्रस्त होने से सोना उगलने वाली जमीन बिना पानी अब बंजर होने लगी है। सबसे ज्यादा शाहपुर-रैत क्षेत्र में किसानी प्रभावित हो रही है।

फोरलेन के निर्माण कार्य के कारण खेलों के लिए जाने वाली सिंचाई कूहलों और नालों की हालत खस्ता हो गई है। फोरलेन के लिए जमीनों को खोदा जा रहा है। इससे सड़क के साथ गुजरने वाली कूहलें भी टूट गई हैं। इससे खेतों तक कूहलों का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। फोरलेन के निर्माण कार्य में जुटी कंपनियां टूटने के बाद कूहलों की मरम्मत ही नहीं कर रही हैं। इससे किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए पानी ही नहीं मिल पा रहा है।हालात ये हैं कि कूहलें टूटने के बाद किसान बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। 


लंबे समय से बारिश नहीं रही है। ऐसे में खेतों में बिजाई के लिए नमी भी नहीं बची है। ऐसे में वे खेतों में अभी तक फसलों की बिजाई नहीं कर सके हैं। क्षेत्र के किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि फोरलेन के निर्माण में जुटी कंपनियां के साथ ही एनएचएआई को कूहलों की मरम्मत करने के लिए कहा जाए, ताकि सिंचाई करके खेतों में बिजाई कर सकें।उधर, जिलाधीश कांगड़ा हेमराज वैरबा ने कहा कि कूहलों की मरम्मत करने के लिए एनएच प्रबंधन को कहा जाएगा, ताकि किसानों को राहत मिल सके।रैत के किसान रंजीत सिंह कहते हैं खेती-किसानी करते उम्र गुजार दी है। क्षेत्र में कई विकास कार्य होते हुए देखे, लेकिन कभी भी किसानों की कूहलों से उस वक्त छेड़छाड़ नहीं हुई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसानों की कूहलों को उखाड़ फेंका गया है, जिसे अभी तक ठीक नहीं किया जा रहा है। बिना बारिश और सिंचाई न होने से खेत सूखे पड़े हैं।


इस कारण फसल की बिजाई भी नहीं कर पा रहे हैं।किसान हेमराज बताते हैं कि धान की फसल की उन्होंने जैसे-तैसे बिजाई कर ली थी, लेकिन अब गेहूं की फसल की बिजाई करना परेशानी का सबब बना हुआ है। उन्होंने बताया कि न तो बारिश हो रही है और न ही फोरलेन निर्माण के दौरान उखाड़ी गई कूहलों और नालों को दुरुस्त किया जा रहा है। कूहल में पानी न होने के कारण उनकी जमीन बंजर होने की कगार पर पहुंच गई है, क्यों नमी ही नहीं बची है।रैत के किसान किसान मंगत राम ने बताया कि गेहूं की बिजाई का समय बीत रहा है। फोरलेन निर्माण के कारण उनकी कूहलें और नाले टूट गए हैं, जिन्हें अभी तक दुरुस्त नहीं किया जा रहा है। कूहलें टूटी हुई होने के कारण खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। बारिश भी नहीं हो रही, जिस कारण जमीन पूरी तरह से सूख चुकी है। अभी तक गेहूं की बिजाई नहीं हो सकी है। देरी से पैदावार प्रभावित होगी।




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